हाईकोर्ट ने स्टंटबाजी और रील पर कसा शिकंजा, उठाए पुलिस के काम पर सवाल, कहा- बिना मंजूरी के वापस नहीं की जाएंगी गाड़ियां

बिलासपुर मस्तूरी रोड पर देर रात स्टंटबाजी और रील बनाने की घटनाओं ने कानून और व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया और इसे बेहद गंभीर बताया. कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए साफ निर्देश दिया कि मस्तूरी पुलिस द्वारा जब्त की गई 18 गाड़ियों को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना वापस नहीं किया जाएगा;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 21 Sept 2025 12:40 PM IST

बिलासपुर के मस्तूरी रोड पर कुछ युवाओं द्वारा देर रात स्टंट और रील बनाने की घटनाओं ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने इस घटना को और चर्चा में ला दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए इसे बेहद गंभीर बताया और साफ निर्देश दिया कि पुलिस द्वारा जब्त की गई 18 कारों को कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं छोड़ा जाएगा.

अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी, जिसमें राज्य सरकार के मुख्य सचिव को शपथपत्र के माध्यम से यह बताना होगा कि इन अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है.

स्टंट और रील बनाने वालों पर हाईकोर्ट की नाराजगी

सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अभियान चलाया और स्टंट में शामिल 18 गाड़ियों को जब्त किया. इसके साथ ही कार मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफ़ारिश भी की गई. यह कार्रवाई सड़क सुरक्षा के नजरिए से की गई ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लग सके. गाड़ियों के मालिकों की पहचान कर ली गई है और सभी के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है. हाईकोर्ट ने चेतावनी दी कि सार्वजनिक सड़कों पर स्टंटबाजी करने वाले युवाओं को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि यह दूसरों के लिए सबक बने.

पुलिस की काम करने पर उठाए सवाल

कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पुलिस का प्रकोप अक्सर केवल गरीब, मध्यम वर्ग और दलितों पर पड़ता है. जबकि संपन्न और बाहुबल वाले अपराधियों के खिलाफ पुलिस नख-दंतहीन बाघ बन जाते हैं. ऐसे लोग मामूली जुर्माना भरकर आसानी से छोड़ दिए जाते हैं और उनके वाहन भी वापस कर दिए जाते हैं. कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि वर्तमान मामले में पुलिस द्वारा जब्त की गई 18 कारों को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नहीं छोड़ा जाएगा. यह स्पष्ट संदेश है कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए और किसी भी अपराधी को संरक्षण नहीं मिलेगा.

मस्तूरी रोड पर अफरातफरी

तीन दिन पहले मस्तूरी रोड पर रात के समय करीब 15 से 20 कारों में युवाओं ने स्टंट करना शुरू किया और हाइवे जाम कर दिया. वीडियो में देखा जा सकता है कि युवाओं ने तेज रफ्तार से गाड़ियां दौड़ाई, स्टंट किए और सड़क पर आने-जाने वाले अन्य लोगों के लिए खतरा पैदा किया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई और तुरंत कार्रवाई शुरू की.

हाईकोर्ट के निर्देश और भविष्य की कार्रवाई

कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश की कॉपी भेजते हुए कहा कि अगली सुनवाई में यह स्पष्ट किया जाए कि पुलिस ने इन अपराधियों के खिलाफ क्या ठोस कार्रवाई की है. कोर्ट ने जोर देकर कहा कि पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावे के लिए नहीं होनी चाहिए बल्कि ऐसी होनी चाहिए जो अपराधियों के लिए सबक साबित हो. उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि गैर जिम्मेदार और खतरे में डालने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्ती जरूरी है ताकि आम नागरिक सुरक्षित महसूस करें.

सुरक्षा पर सवाल

बिलासपुर मस्तूरी रोड की स्टंट घटना ने सिर्फ सड़क सुरक्षा पर सवाल नहीं उठाए, बल्कि पुलिस और न्यायपालिका की संवेदनशीलता और कार्यशैली पर भी बहस छेड़ी. हाईकोर्ट का आदेश स्पष्ट है कि कानून को सख्ती से लागू किया जाएगा और किसी को भी संरक्षण नहीं मिलेगा. अब सबकी निगाहें अगली सुनवाई 23 सितंबर पर टिकी हैं, जो इस मामले की दिशा तय करेगी और भविष्य में सड़क सुरक्षा के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करेगी.

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