'फूड पॉइजनिंग' से मासूम की मौत! रेजिडेंशियल स्कूल में 35 बच्चे पड़े बीमार, 9 ICU में भर्ती

Chhattisgarh: सोमवार की सुबह धनोरा गांव के रुख्मिणी आश्रम स्कूल में कुछ छात्रों ने पेट दर्द और उल्टी की शिकायत शुरू कर दी.;

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Edited By :  सचिन सिंह
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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक सरकारी सहायता प्राप्त रेजिडेंशियल स्कूल में 'फूड पॉइजनिंग' से 8 साल की मासूम ने दम तोड़ दिया और 34 अन्य छात्राएं संदिग्ध 'फूड पॉइजनिंग' के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सोमवार की सुबह धनोरा गांव के रुख्मिनी आश्रम स्कूल में कुछ छात्रों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत होने लगी. सुबह 35 छात्रों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

सोमवार यानी 10 दिसंबर 2024 की सुबह करीब 11 बजे बीजापुर जिला अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने कई छात्रों की उल्टी पर काबू पा लिया. रात करीब 10 बजे एक छात्रा शिवानी तेलम को करीब 286 किलोमीटर दूर बस्तर जिले के जगदलपुर शहर के एक अलग अस्पताल में रेफर कर दिया गया. शिवानी को एंबुलेंस से जगदलपुर ले जाते समय आधी रात के करीब उसकी मौत हो गई. नौ अन्य बच्चे आईसीयू में हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सच आएगी सामने

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने बताया, 'हम मौत की सही वजह जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं' हम उचित कार्रवाई करेंगे.' जिला अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि वे अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि बच्चों के बीमार होने का कारण क्या था.

डॉक्टर ने क्या कहा?

डॉक्टर ने कहा, 'हम सिवाय चावल के बच्चों के खाए गए भोजन के नमूने एकत्र नहीं कर सके. दिन में (रविवार को), उन्होंने खीर, पूरी, चना और छोले खाए. उन्होंने रात में पनीर खाया था, जो खराब हो सकता था.' उन्होंने आगे कहा, 'कई बच्चों को बुखार भी था, इसलिए हमने उनका मलेरिया के लिए भी टेस्ट किया, लेकिन वे नकारात्मक पाए गए.'

48 साल पुराना है रेजिडेंशियल स्कूल

जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.आर. पुजारी ने कहा, 'यह भोजन विषाक्तता से परे कुछ और हो सकता है. हमें भोजन के कोई नमूने नहीं मिल सके... लेकिन हम पता लगाएंगे कि क्या गलत हुआ.' उनके स्कूल में कुल 88 छात्र पढ़ते और रहते थे. यह 1976 में स्थापित किया गया था, जो एक गैर सरकारी संगठन द्वारा चलाया जाता है और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त है.

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