नक्सलियों के गढ़ सुकमा में सीआरपीएफ बेस पर लगा पहला मोबाइल टावर, जानें कैसे करेगा यह इस क्षेत्र की सुरक्षा

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में अब पहला मोबाइल फोन टावर लगा है, जो माओवादी हिंसा से प्रभावित कई गांवों को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. टेकुलागुडेम में सीआरपीएफ कैंप में स्थापित यह टावर कम्यूनिकेशन में सुधार करके सुरक्षा कर्मियों और स्थानीय लोगों को फायदा पहुंचाएगा.;

( Image Source:  Freepik )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 16 March 2025 3:35 PM IST

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिला विकास की ओर बढ़ रहा है. अब यहां पहला मोबाइल फोन टावर लगा है. इस पर अधिकारियों ने बताया कि होली के मौके पर टेकुलागुडेम गांव में सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स के कैंप के अंदर लगाया गया यह टावर अंदरूनी क्षेत्र के कई गांवों को सेलुलर कनेक्टिविटी देने का काम करेगा.

यह वह जगह है, जहां पैरामिलिट्री फोर्स ने पिछले साल फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस बनाया था, ताकि कुछ खास माओवादी विरोधी अभियान चलाए जा सकें. साथ ही, स्थानीय प्रशासन को क्षेत्र में विकास कार्यों में मदद मिल सके, जो कि केंद्र सरकार की मार्च 2026 तक देश से वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) को खत्म करने की घोषणा का हिस्सा है.

नक्सल प्रभावित है सुकमा

सिक्योरिटी इस्टैब्लिशमेंट के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि 'सीआरपीएफ के तेकुलागुडेम फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस के अंदर 13 मार्च को बीएसएनएल का एक मोबाइल टावर लगाया गया. इस बेस का संचालन सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन करती है. इस क्षेत्र में यह इस तरह की पहली सुविधा है. उन्होंने कहा कि 'यह गांव नक्सल हिंसा से प्रभावित सुकमा जिले के अंदरूनी इलाके में स्थित है और बस्तर क्षेत्र के एक अन्य वामपंथी उग्रवाद प्रभावित गांव बीजापुर के साथ सीमा साझा करता है.'

इन गांव को मिलेगी कनेक्टिविटी

एक अन्य अधिकारी के अनुसार, मोबाइल टावर टेकुलागुडेम और उसके आसपास के तिम्मापुरम, जोनागुडा और पुवर्ती गांवों में ग्रामीणों और सुरक्षा कर्मियों को बेहद जरूरी सेलुलर कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. पुवर्ती हिडमा का गांव है, जो पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की पहली बटालियन का वांछित माओवादी कमांडर है. 

स्थानीय लोगों को बांटे गए सिम कार्ड

सीआरपीएफ अधिकारियों के अनुसार, मोबाइल टावर स्विच चालू करने के समारोह के लिए बीएसएनएल के अधिकारी सुकमा मुख्यालय से लेकर राज्य की राजधानी रायपुर (करीब 600 किलोमीटर) तक आए थे. होली से एक दिन पहले कार्यक्रम में ग्रामीण लोगों को भी बुलाया गया था. उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों को सिम कार्ड बांटे गए और उन्हें एक्टिव करने के लिए 13 मार्च को एक स्पेशल कैंप बनाया गया था.



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