बीजापुर के बस्तर की पहाड़ियों में बम-बंदूक की बारिश, सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में 22 नक्सली ढेर
Bijapur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में आज सुरक्षाबलों और नक्सलियों बीच एनकाउंटर हुआ, जिसमें 22 नक्सली मारे गए. अभी भी तलाशी अभियान जारी होने की खबर सामने आई है. इससे एक दिन पहले बीजापुर में ही एक महिला नक्सली मारी गई थी. पुलिस ने यह कार्रवाई एक खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू की थी;
Bijapur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार 7 मई को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच बड़ी मुठभेड़ हुई. इस दौरान 22 से ज्यादा नक्सली मारे गए. इससे पहले मंगलवार को भी यहां पर एक महिला नक्सली मुठभेड़ में ढेर हुई थी. यह अभियान बस्तर क्षेत्र में चलाए गए सबसे बड़े नक्सल-विरोधी अभियानों में से एक माना जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को जिला रिजर्व गार्ड (DRG), बस्तर फाइटर्स और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) जैसे छत्तीसगढ़ पुलिस फोर्स ने मिलकर अंजाम दिया. पुलिस ने यह कार्रवाई एक खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू की थी, जिसमें माओवादी संगठन की सबसे बड़ी सैन्य इकाई 'बटालियन नंबर-1' के वरिष्ठ नेता और तेलंगाना राज्य कमेटी के शीर्ष माओवादी कमांडर छिपे रहने की जानकारी मिली थी.
पुलिस का बयान
इस एनकाउंटर के बारे में पुलिस ने अहम जानकारी दी है. छत्तीसगढ़ पुलिस छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सुंदरराज पी के बताया कि अब तक की कार्रवाई में कई वरिष्ठ माओवादी नेता या तो मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं. बीजापुर का यह घना जंगल और पहाड़ी इलाका 'बटालियन नंबर-1' का बेस माना जाता है. इस दौरान सैकड़ों नक्सली ठिकानों और बंकरों को तबाह किया गया है.
बड़ी मात्रा में हथियार बरादम
पुलिस को एनकाउंटर की जगह से नक्सली के शव के साथ बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री, डेटोनेटर, खाद्य सामग्री और रोजमर्रा की उपयोगी चीजें मिली हैं. इस अभियान के दौरान STF, DRG और CoBRA के कम से कम छह जवान अलग-अलग IED धमाकों में घायल हुए हैं, हालांकि सभी की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं. पुलिस के अनुसार, साल 2025 में अब तक राज्य में 146 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें से 129 सिर्फ बस्तर डिवीजन में मारे गए हैं.
पहले 4 नक्सली की मौत
इससे पहले सुरक्षाबलों ने इसी इलाके में 4 नक्सलियों को मार गिराया था.जवानों ने करेगुट्टा इलाके में सर्च ऑपरेशन के दौरान 200 से ज्यादा आईईडी रिकवर की है. पहाड़ के पास 5 हजार फीट ऊंचाई पर जवानों की तैनाती की गई है. कहा जा रहा है कि अगर नक्सलियों ने तेलंगाना बॉर्डर से छत्तीसगढ़ में एंट्री की कोशिश की तो उनकी सीधा सामना सेना से होगा.