छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों का फिर बड़ा ऑपरेशन, एनकाउंटर में 16 नक्सली ढेर, 2 जवान घायल, ऑपरेशन जारी
Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए. सुरक्षा बल फिलहाल मुठभेड़ स्थल और आसपास के जंगलों की गहन तलाशी कर रहे हैं. इस कार्रवाई में दो सुरक्षाकर्मी मामूली रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज चल रहा है.;
Chhattisgarh Encounter: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए. जबकि 2 जवान मामूली रूप से घायल हो गए. सुकमा के एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर उपमपल्ली केरलापाल क्षेत्र के जंगल में ऑपरेशन चल रहा है। जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के संयुक्त माओवादी विरोधी अभियान के दौरान शुक्रवार को गोलीबारी हुई.
अधिकारियों ने बताया कि सुकमा थाना क्षेत्र के अंतर्गत केरलापाल क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर यह अभियान शुरू किया गया था. संयुक्त सुरक्षा दल ने 28 मार्च को तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसमें 29 मार्च की तड़के से रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है. इस बीच सुरक्षा बल मुठभेड़ स्थल और आसपास के जंगली इलाके की गहन तलाशी ले रहे हैं.
सुकमा में पहले भी हो चुके माओवादी हमले
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सबसे ज़्यादा प्रभावित जिलों में से एक सुकमा में पहले भी कई माओवादी हमले हो चुके हैं. इस बीच शुक्रवार को एक अलग घटना में नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) के फटने से एक जवान घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अमित शाह का एक्शन प्लान
इससे पहले 22 मार्च को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद को जानकारी दी थी कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का खात्मा हो जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 16,463 हिंसक घटनाएं हुईं, लेकिन पिछले दस सालों में यह संख्या 53% कम हुई है.
उन्होंने बताया था कि 2004 से 2014 तक 1,851 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, लेकिन पिछले दस सालों में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटकर 509 हो गई, यानी 73% की कमी आई. नागरिकों की मौतों की संख्या 4,766 से घटकर 1,495 रह गई, जो 70% की कमी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 2014 से 2024 तक नक्सल प्रभावित इलाकों में 11,503 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण किया गया.
इसके अलावा 20,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गईं. पहले फेज में 2,343 मोबाइल टावर लगाए गए और दूसरे चरण में 2,545 टावर लगाए गए. 4,000 मोबाइल टावर लगाने का काम अभी भी जारी है. शाह ने बताया कि 1 दिसंबर तक पूरा नक्सल प्रभावित क्षेत्र मोबाइल कनेक्टिविटी से लैस हो जाएगा.