पहले शादी का झांसा देकर किया रेप, जमानत मिलने के बाद भी नहीं सुधरा, कोर्ट ने कहा- नहीं मिलेगी कोई राहत

बिलासपुर में रेप के मामले में पहले से ही सजा काट रहे शख्स को जमानत मिली. इस पर सुधरने के बजाय उसने रिहा होने के बाद फिर वही हरकत दोहराई. दोषी ने एक और नाबालिग के साथ रेप किया. अब उसने कोर्ट में याचिका लगाई कि दोनों सजाएं एक-साथ चलें.;

( Image Source:  AI Perplexity )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 1 Dec 2025 4:59 PM IST

संजय नागवंशी छत्तीसगढ़ के सीतापुर जिले के चुहीगढ़ाई गांव का रहने वाला है, लेकिन उसकी पहचान अब सिर्फ एक गांववाले की नहीं, बल्कि दोहरे दुष्कर्म के दोषी अपराधी की बन चुकी है. सब कुछ मार्च 2014 में शुरू हुआ, जब संजय ने एक नाबालिग लड़की को शादी का झांसा दिया और उसे कुनकुरी ले जाकर लगभग 2-3 महीनों तक उसके साथ शारीरिक शोषण करता रहा.

लड़की ने हिम्मत जुटाई और 20 जून 2014 को अपने घरवालों को सब कुछ बताया. इसके बाद पॉक्सो कोर्ट ने दिसंबर 2015 में संजय को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी ठहराया और 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई. संजय को कुछ समय बाद हाई कोर्ट से अस्थायी जमानत मिली और वह जेल से बाहर आया. लेकिन जेल की सीख उसे बदल नहीं सकी.

जमानत पर रिहाई और फिर वही हैवानियत

रिहा होते ही उसने फिर एक और नाबालिग के साथ रेप किया. इस बार भी वह कानून के हाथों से बच न सका और कोर्ट ने उसे 2019 में फिर से 10 साल की सजा सुनाई.

एक साथ चले दोनों सजाएं

अब जब जेल में 7 साल बीत चुके हैं. संजय ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें उसने गुहार लगाई कि पहली सजा के 7 साल तो काट लिए हैं. अब अगर दोनों सजाएं एक के बाद एक चलेंगी तो उसे कुल 20 साल जेल में रहना होगा. इसलिए इसे एकसाथ चलाने का आदेश दिया जाए.

कोर्ट ने दिखाया सख्त तेवर 

न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने इस याचिका को पढ़ा, सुना और फिर कड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि ' संजय का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद चिंताजनक है. वह एक आदतन अपराधी है, जिसने एक बार नहीं, बल्कि दो बार नाबालिगों के साथ घिनौना अपराध किया है. पहली सजा के बाद जमानत पर छूटकर उसने फिर वही जुर्म दोहराया. यह न्यायिक विवेक का दुरुपयोग है.ऐसे व्यक्ति को कोई भी राहत नहीं दी जा सकती है. दोनों मामले अलग-अलग ही चलेंगे.'

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