बिलासपुर के जंगल में बढ़ी वन्य प्राणियों की संख्या, वन विभाग ने नेचर कैंप और पर्यटन कराया बंद
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वन मंडल में वन्य प्राणियों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है, इनमें चीतल, जंगली सूअर और तेंदुआ शामिल है। वन विभाग चाहता है कि जितनी मानव दखलंदाजी कम होगी, उतने ही इस जंगल में जानवर भी बढ़ेंगे। इसके लिए पर्यटकों के भ्रमण पर रोक लगाई जा रही है और कैंप को बंद कर दिया गया है।;
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर वन मंडल में वन्य प्राणियों की संख्या में वृद्धि देखने को मिली है, इनमें चीतल, जंगली सूअर और तेंदुआ शामिल है। वन विभाग चाहता है कि जितनी मानव दखलंदाजी कम होगी, उतने ही इस जंगल में जानवर भी बढ़ेंगे। इसके लिए पर्यटकों के भ्रमण पर रोक लगाई जा रही है और कैंप को बंद कर दिया गया है।
वन क्षेत्र के बोइरपड़ाव में पर्यटकों के लिए नेचर कैंप बनाया गया था। यहां इनके रुकने के लिए छह टेंट बने हुए हैं। यहां सभी सुविधाएं मौजूद है लेकिन अभी टेंट की बुकिंग बंद कर दी गई है। क्योंकि कैंप और इसके आसपास के जंगल में वन्य प्राणी घूमते रहते हैं।
ऐसा नहीं है कि पहले यहां जंगली जानवर नहीं थे, यहां जंगली जानवर थे लेकिन कभी- कभार ही नजर आते थे। कैंप के आसपास ये फटकते भी नहीं थे। लेकिन अब चीतल, मोर, जंगली सूअर और कई बार तेंदुआ की आहट हो चुकी है। ग्रामीणों के साथ-साथ वन कर्मियों ने इन जानवरों को देखा है।
वन विभाग का मानना है कि उन्हें यहां का वातावरण भा रहा है। उन्हें पर्याप्त भोजन और पानी मिल रहा है। इसे देखते हुए विभाग की ओर से निर्णय लिया गया है कि जगह जगह वन्य प्राणी विचरण क्षेत्र के बोर्ड लगाए जाएंगे।
पर्यटकों की सुरक्षा का ध्यान
जंगल में पर्यटन बंद करने का उद्देश्य यह भी है कि पर्यटकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा जाए। बता दें, कैंप को साधारण तौर पर घेरा गया है। कभी कभी वन्य प्राणी आसानी से कैंप में घुस जाते हैं। इस वजह से पर्यटकों को खतरा हो सकता है।
सरकार की योजना का मिला लाभ
वन विभाग का मानना है कि वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ने के पीछे सरकार का भी हाथ है। राज्य सरकार की नरवा, घुरुवा व बाड़ी योजना इसमें कारगर साबित हुई। साथ ही ग्रीन इंडिया मिशन के तहत कई जरूरी काम भी हुए जिससे जंगल और घना बना।
अधिकारी ने क्या कहा?
उप वनमंडलाधिकारी अभिनव कुमार ने कहा कि वन्य प्राणियों की मौजूदगी के कारण नेचर कैंप को पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। इस क्षेत्र में भालू, तेंदुआ, चीतल, जंगली सूअर के अलावा अन्य जानवर लगातार दिख रहे हैं। इससे पर्यटकों को भी खतरा हो सकता है।