पैरोल पर छूटा बलात्कारी, अपनी ही 11 साल की बेटी और भतीजी के साथ किया रेप
इंसान ही हैवान है. यह बात एकदम सच है. छत्तीसगढ़ के एक बलात्कार के आरोपी को कोर्ट ने पैरोल दिया. जेल से छूटने के बाद आरोपी ने अपने व्यवहार में कोई बदलाव नहीं किया. उसने अपनी ही 11 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया. इतना ही उसे डराया-धमकाया भी.;
छत्तीसगढ़ से एक दिल-दहलाने वाली खबर सामने आई है. इसमें एक पिता ने अपनी ही बेटी और भतीजी के साथ बलात्कार किया है. दोनों की उम्र 11-12 है. बता दें कि यह व्यक्ति पैरोल पर जेल से बाहर आया था. इस मामले में पुलिस ने बताया कि 36 वर्षीय व्यक्ति पर पहले भी बलात्कार के आरोप लग चुके हैं. इस मामले में पुलिस ने बताया कि आरोपी हिस्ट्रीशीटर है. आरोपी की बेटी ने बताया कि उसके पिता ने 19 अक्टूबर घर पर ही उसके साथ रेप किया. इतना ही नहीं, इस व्यक्ति ने यह बोलकर धमकाया कि अगर उसने इस बारे में किसी को बताया तो अच्छा नहीं होगा.
यह मामला छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले से का है. यहां के एसपी सूरज सिंह परिहार ने आरोपी ने अपनी बेटी के साथ रेप करने के दो दिन बाद 21 अक्तूबर को अपनी भतीजी को लकड़ी बीनने के बहाने जंगल में बुलाया. इसके बाद मौका देखकर उनसे भतीजी के साथ भी बलात्कार किया और उसे भी धमकाया.
बहनों ने शिकायत की दर्ज
इस घटना के बाद दोनों बहनें सदमें में थीं. दोनों चचेरी बहनें को इस बात का इतना सदमा पहुंचा था कि वह पुलिस के पास जाने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पाईं, हालांकि उन्होंने एक-दूसरे को सारी बातें बताईं. आखिरकार, उन्होंने शनिवार को पुलिस के पास जाने का फैसला लिया. पुलिस ने बताया कि यौन उत्पीड़न के बारे में उनकी बातें भयानक थीं.
जब आरोपी को इस बात की भनक लग गई कि उसके खिलाफ बच्चियों ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है, तो ऐसे में व वह भाग गया. पुलिस को लगा कि उन्हें बलात्कारी को जल्दी से जल्दी सलाखों के पीछे पहुंचाना होगा और इसलिए उन्होंने कई टीमें उसके पीछे लगा दीं. आरोपी अपना फोन इस्तेमाल नहीं कर रहा था, जिससे उसकी हरकतों पर नज़र रखना और भी मुश्किल हो गया.
पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
पुलिस ने अपना इंफॉर्मेशन नेटवर्क एक्टिव कर दिया है. 27 अक्टूबर को आरोपी को जंगल से पकड़ लिया गया है. उस पर पोक्सो एक्ट और बीएनएस के तहत आरोप लगाए गए हैं. आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया. वह पहले से ही अंबिकापुर जेल में क्रूर बलात्कार के मामले में सजा काट रहा था. यौन उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार पीड़िता की गोपनीयता की रक्षा के लिए उसकी पहचान उजागर नहीं की गई है.