यात्रियों का अकाल! दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत को लौटना पड़ रहा खाली; अब रेलवे लेगा ये फैसला
दुर्ग विशाखापट्टनम वंदे भारत को लेकर रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल स्टेशन से महंगे किराये के कारण ट्रेन के डिब्बे खाली लौट रहे थे. इसे लेकर काफी नुकसान रेलवे को झेलना पड़ रहा है. वहीं अब नए फैसले के अनुसार यदि आगे भी ऐसा रहा तो डिब्बों को कम करके चलाया जाएगा.;
छत्तीसगढ़: पिछले महीने 20 सितंबर को रायपुर में दुर्ग विशाखापट्टन वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत हुई थी. इस ट्रेन को शुरु करने के पीछे यात्रियों को सुविधा तो प्रदान करना था. लेकिन यह सुविधा यात्रियों के लिए सुविधा की जगह असुविधा बनती जा रही है. नतीजा यात्रियों का आकाल पड़ना शुरू हो चुका है. इसके कारण रेलवे को काफी नुकसान पहुंच रहा है.
ट्रेन की शुरुआत करने के पीछे का मकसद असुविधा को दूर करना था. लेकिन अब ऐसा लगने लगा है कि इससे सुविधा नहीं असुविधा हो रही है. ऐसा बिल्कुल नहीं है कि यात्रियों की कमी के कारण आकाल पड़ रहा है. पर ट्रेन का किराया कई अधिक होने के कारण ऐसी समस्या उत्पन्न होना शुरू हुई. जिसका नुकसान अब रेलवे को हो रहा है.
स्टेशन पर भीड़ फिर भी ट्रेन खाली?
ट्रेन खाली रहने का यह सिलसिला वंदे भारत ट्रेन के कोच नंबर 16 में देखा जा रहा है. हालांकि यात्रियों को वेटिंग लिस्ट में सफर करने के लिए इंतजार करना पड़ तो रहा है. लेकिन यात्री इस ट्रेन की बुकिंग करवाना जरुरी नहीं समझ रहे. ट्रेन रवाना होने से लेकर वापस आने तक सभी सीटें खाली हैं. महज 50 से 170 यात्री ही सफर कर रहे है.
महंगा है ट्रेन का किराया
जब इस पर जांच की गई कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यात्री इस ट्रेन को लेकर इसलिए भी उत्साह नहीं दिखा रहे क्योंकी ट्रेन का किराया अधिक है. इस कारण से स्टेशन से खाली ट्रेन को रवाना करना पड़ता है. हालांकि इंतजार किया जा रहा है कि दहशहरा या फिर दिवाली के समय में यह डिब्बे भरें. यदि ऐसा बाद में भी रहा तो इस ट्रेन के कोच को कम करके चलाया जाएगा.
कितना है किराया?
किराये को लेकर अगर बात की जाए तो चेयर कार का किराया 1,565 रुपये है. इस किराये में यात्रियों को सफर के दौरान सुबह का नाश्ता, चाय और लंच की सुविधा दी जाएगी. वहीं अगर आप नाश्ते और पानी की सुविधा नहीं लेना चाहते तो आपको 1,205 रुपये का किराया भरना पड़ेगा.