तिरुपति लड्डू विवाद के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया बड़ा फैसला,अब प्रदेश में इस घी का होगा उपयोग
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली के तेल व जानवरों की चर्बी प्रकरण के बाद अब अन्य मंदिरों में सतर्कता बरती जा रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने भी एक प्रकरण के बाद एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने प्रदेश के सभी प्रमुख देवी मंदिर में देवभोग घी का उपयोग करने के निर्देश दिए हैं.;
छत्तीसगढ़ : विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी का मामला सामने आने के बाद अन्य मंदिरों में सतर्कता बरती जा रही है. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. प्रदेश के सभी प्रमुख देवी मंदिरों में देवभोग घी का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. इस संबंध में पशुधन विकास विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिए हैं.निर्देश में कहा गया है कि सभी शक्तिपीठों में प्रसाद और अन्य कार्यों के लिए देवभोग घी का इस्तेमाल होना चाहिए.
तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों के तेल का मिश्रण
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि YSR कांग्रेस सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल का मिश्रण किया गया था. इसके एक दिन बाद, टीडीपी ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया. जुलाई में आई रिपोर्ट में लड्डुओं में चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी. हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट को सार्वजनिक किया.
अन्य मंदिरों की घटना
दुनिया भर में फेमस तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मचे बवाल के बाद अब देश के कई हिस्सों में प्रसाद को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है वहीं एक और तेलंगाना में प्रसाद पर तंबाकू तो वहीं मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में प्रसाद पर चूहों के रेंगने तो वहीं पूरे यूपी में भी प्रसाद को लेकर सियासी संग्राम हो रहा है.
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट मंदिर के प्रसाद पर चूहों के रेंगने के आरोपों की जांच की जा रही है. जैसा की सोशल मीडिया पर वायरल कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रस्ट द्वारा मंगलवार को इस मामले पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की भी उम्मीद है. कुछ तस्वीरों में प्रसाद के फटे हुए पैकेट भी दिखाए गए हैं, जिन पर चूहे बैठे हुए दिखाई दिए.