छत्तीसगढ़ की धरती उगलेगी हीरे, खदान का विवाद जल्‍द सुलझाने में जुटी भाजपा सरकार

CG Diamond Mine: साल 2022 में, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने माइनिंग विवाद को सुलझाने के लिए हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग की याचिका दायर की थी. लेकिन लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी इस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है.;

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Edited By :  संस्कृति जयपुरिया
Updated On : 14 Oct 2024 3:04 PM IST

CG Diamond Mine: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित पायलीखंड हीरा खदान का माइनिंग विवाद लंबे समय से राज्य की राजनीति का केंद्र रहा है. साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश शुरू की थी. उन्होंने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक अर्जेंट हियरिंग के तहत याचिका दायर करवाई थी, ताकि मामले का जल्द समाधान हो सके.

हालांकि, चार साल बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया और मामला अब तक लंबित है. राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद एक बार फिर से हीरा खदान से माइनिंग को लेकर राज्य में फिर से बातचीत शुरु हो गई. मिली हुई जानकारी के मुताबिक राज्य की सरकार ने एडवोकेट जनरल प्रफुल्ल एन भारत से इस संबंध में लिगल सलाह मांगी थी. एडवोकेट जनरल हीरा खदान में माइनिंग विवाद को जल्द ही सुलझाने के लिए अर्जेंट हियरिंग के तहत याचिका दायर करने का सुझाव राज्य सरकार को दिया है. राज्य सरकार ने अपनी सहमति दे दी है.

कोर्ट में लंबित याचिका

साल 2022 में, तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने माइनिंग विवाद को सुलझाने के लिए हाई कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग की याचिका दायर की थी. लेकिन लगभग दो साल बीत जाने के बाद भी इस पर कोई सुनवाई नहीं हो पाई है. मामला पेंडिंग होने के कारण खदान से हीरा निकालने की प्रक्रिया भी रुक गई है.

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच विवाद की जड़

इस माइनिंग विवाद की जड़ें साल 2000 तक की हैं, जब मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गरियाबंद के पायलीखंड हीरा खदान में माइनिंग के लिए टेंडर जारी किया था. इसी बीच, छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हो गया और राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई. छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस टेंडर को रद्द कर दिया, जिसके बाद यह विवाद शुरू हो गया. तब से यह विवाद विभिन्न राजनीतिक और कानूनी प्रक्रियाओं में उलझा हुआ है.

135 मिलियन टन किंबरलाइट का है अनुमान

गरियाबंद जिले के पायलीखंड में 135 मिलियन टन किंबरलाइट के भंडार का अनुमान है, जिसे विश्व के सबसे बड़े माइनिंग एरिया में से एक माना जाता है. यदि इस खदान से माइनिंग शुरू होती है, तो इससे न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हो सकता है.

छत्तीसगढ़ के हीरे की विशेषता

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की यह खदान अलेक्जेंड्राइट नामक दुर्लभ हीरे के लिए जानी जाती है, जो दुनिया के कुछ ही देशों में पाया जाता है. यह छत्तीसगढ़ की अनोखी पहचान है, क्योंकि यह देश का एकमात्र राज्य है जहां अलेक्जेंड्राइट पाया जाता है.

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