छत्तीसगढ़: हिरासत में युवक की मौत पर बवाल, भड़के ग्रामीणों ने थाने पर की पत्थरबाजी, महिला एएसपी को भी लगी चोट
स्वास्थकर्मी गुरुचंद मंडल की मौत से लोगों में बेहद आक्रोश नजर आ रहा है. पुलिस कड़ी सुरक्षा में युवक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जा रही थी, तभी लोगों ने विरोध किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस घटना का वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल होते हुए नजर आ रहा है. सत्र न्यायधीश अशोक कुमार साहू ने घटना के बारे में जांच करने को कहा है.;
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर से एक खबर आ रही है. जहां गुरुवार को पुलिस की हिरासत में स्वास्थकर्मी गुरुचंद मंडल की मौत हो गई, जिसके बाद प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. लोगों ने थाने पर हमला किया और पथराव भी किया. इस हमले में एएसपी महिला घायल हो गई हैं. पुलिस के लिए भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल था इसलिए उन्होंने आंसू गैस छोड़ दी.
स्वास्थकर्मी गुरुचंद मंडल की मौत से लोगों में बेहद आक्रोश नजर आ रहा है. पुलिस कड़ी सुरक्षा में युवक के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जा रही थी, तभी लोगों ने विरोध किया और पत्थरबाजी शुरू कर दी. इस हमले में महिला पुलिस निमिशा पांडे चोटिल हुईं. पुलिस भीड़ को कंट्रोल करने में लगी हुई है, घटनास्थल पर जवान बड़ी संख्या में हैं.
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया वीडियो
इस हमले की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसे छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा- 'ठीक उस समय जब देश की महामहिम राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ में हैं, उस समय बलरामपुर से आ रहे ये चिंताजनक दृश्य छत्तीसगढ़ में “कानून व्यवस्था” के अंतिम संस्कार का आधिकारिक ऐलान कर रहे हैं.
पुलिस कस्टडी में हुई मौत के बाद युवक की लाश ले जाने के दौरान लोगों का ग़ुस्सा फूट पड़ा है. हालात यह हैं कि नागरिकों और पुलिस के बीच भीषण संघर्ष चल रहा है. जनता पुलिस पर भरोसा नहीं कर रही है, हालात बेकाबू हैं. '
क्या है मामला?
भाषा के मुताबिक, बलरामपुर में एक महिला के खोने पर पति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था और उसने खुदखुशी कर ली, जिसके बाद से थाना प्रभारी और दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि गुरुचंद ने बाथरूम के अंदर अपने गमछे से फंडा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. अधिकारी का कहना है कि मंडल की वाइफ पिछले महीने खो गई थी जिसकी शिकायत करने के लिए मंडल 29 सितंबर को आया.
सस्पेंड लेटर में लिखा- 'मंडल को संदेह और सबूतों के आधार पर थाने बुलाया गया था और लापता होने के मामले में पुलिस हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही थी, तभी उसने आत्महत्या कर ली. प्रथम दृष्टया निरीक्षक एवं बलरामपुर थाना प्रभारी प्रमोद रूसिया और आरक्षक अजय यादव की ओर से लापरवाही पाई गई, ऐसे में दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है.'
घटना की जांच करने का आदेश
सत्र न्यायधीश अशोक कुमार साहू ने घटना के बारे में जांच करने को कहा है. घटना के बारे में पता लगने के बाद बहुत से लोग थाना पहुंचे और तोड़फोड़ कर दी. पुलिस का कहना है कि भीड़ को काबू में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा.