यूट्यूबर मनीष कश्यप ने छोड़ी बीजेपी! बोले- अब दबाव नहीं; क्या बदलेगा सियासी समीकरण?

लोकप्रिय यूट्यूबर मनीष कश्यप ने बीजेपी से नाता तोड़ते हुए जनहित की लड़ाई को प्राथमिकता दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में रहकर वे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे थे. पीएमसीएच पिटाई कांड, आचार संहिता उल्लंघन और फर्जी वीडियो मामले ने उनके राजनीतिक सफर को प्रभावित किया. अब वे स्वतंत्र रूप से काम करने का दावा कर रहे हैं.;

Edited By :  नवनीत कुमार
Updated On : 8 Jun 2025 10:42 AM IST

बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार की रात फेसबुक लाइव के जरिए अचानक बीजेपी छोड़ने की घोषणा की. 25 अप्रैल 2024 को पार्टी की सदस्यता लेने वाले मनीष का यह फैसला राजनीतिक और सामाजिक दोनों ही दृष्टिकोण से चौंकाने वाला माना जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उन्होंने अपने गांव चनपटिया में जाकर लोगों से बात करने के बाद लिया है.

मनीष का कहना है कि पार्टी में रहते हुए वे बिहार और बिहारियों की आवाज को सही तरह से उठा पाने में असमर्थ थे. इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़कर स्वतंत्र रूप से काम करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है, खासकर स्वास्थ्य विभाग में जो गड़बड़ी वे देखते हैं, उस पर वे लगातार आवाज उठाएंगे.

पीएमसीएच मारपीट कांड ने बढ़ाई नाराजगी

हाल ही में पटना के पीएमसीएच अस्पताल में मनीष के साथ हुई मारपीट और उस दौरान किसी भी भाजपा नेता का उनका हालचाल न पूछना उनके मन में नाराजगी की वजह बना. इसे उन्होंने अपने पार्टी छोड़ने के फैसले का एक बड़ा कारण बताया. अब वे बिना किसी दबाव के जनहित के मुद्दों पर काम करने का दावा कर रहे हैं.

पहले भी कही थी इस्तीफा देने की बात

मार्च में भी मनीष ने फेसबुक लाइव पर इस्तीफा देने की बात कही थी. उस समय उन्होंने पुलिस द्वारा उनके यूट्यूब चैनल पर FIR दर्ज होने का हवाला दिया था. हालांकि 20 घंटे के भीतर उन्होंने यू-टर्न लेते हुए इस्तीफा वापस ले लिया था. इस बीच, वे भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से भी मिले, जिसने इस विवाद को शांत करने की कोशिश की.

क्यों हुए थे बीजेपी में शामिल?

मनीष कश्यप ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया था, जो उनकी मां के सुझाव पर था. दिल्ली में पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. उस वक्त उन्होंने कहा था कि उनकी विचारधारा भारतीय जनता पार्टी से मेल खाती है.

खूब किया था चुनाव प्रचार

बीजेपी में शामिल होने के बाद मनीष ने झारखंड और दिल्ली के चुनाव प्रचार में भी सक्रिय भूमिका निभाई. झारखंड में विभिन्न प्रत्याशियों के समर्थन में उन्होंने प्रचार किया, वहीं दिल्ली में बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के लिए भी उन्होंने चुनाव प्रचार किया. मनोज तिवारी ने मनीष को पार्टी में शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई थी.

कई बार विवादों में फंसे

मनीष पर चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला भी दर्ज हुआ था. इसके अलावा, तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर मारपीट का फर्जी वीडियो शेयर करने के कारण भी उनकी मुश्किलें बढ़ीं. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने इस मामले में FIR दर्ज की थी, जिसके बाद मनीष कुछ समय तक फरार भी रहे.

गिरफ्तारी और जेल तक का सफर

18 मार्च 2023 को मनीष ने स्थानीय थाने में सरेंडर किया था. इसके बाद पटना की आर्थिक अपराध इकाई ने उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की और जेल भेज दिया. उस घटना के बाद से ही मनीष के राजनीतिक सफर और विवादों की गाथा लगातार चर्चा में रही है. अब बीजेपी छोड़कर वे अपने नए राजनीतिक सफर की शुरुआत कर रहे हैं.

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