CM नीतीश की इफ्तार पार्टी से मुस्लिमों ने क्यों किया किनारा? बीजेपी ने इसमें भी कर दिया खेला

बिहार के एक मुस्लिम संगठन इमारत शरिया ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ्तार के निमंत्रण ठुकरा दिया है और वक्फ विधेयक के प्रति उनके समर्थन का विरोध किया है. उनका आरोप है कि यह विधेयक मुसलमानों की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति को नुकसान पहुंचाएगा.;

CM Nitish Kumar
Edited By :  सचिन सिंह
Updated On : 23 March 2025 1:56 PM IST

बिहार के एक मुस्लिम संगठन इमारत शरिया ने रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इफ़्तार पार्टी के निमंत्रण को ठुकरा दिया है. बिहार, झारखंड और ओडिशा में मज़बूत पकड़ रखने वाले इस संगठन ने वक्फ बिल को लेकर नीतीश कुमार को विरोध किया है. उनका दावा है कि इस बिल से मुसलमानों की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति खराब होगी. सीएम नीतीश के लिए बिहार चुनाव से पहले मुसलमान समर्थकों का छटकना एक बुरी खबर साबित हो सकती है.

निमंत्रण का जवाब देते हुए इमारत शरिया ने एक पत्र में कहा, '23 मार्च को सरकारी इफ़्तार पार्टी में शामिल न होने का फ़ैसला लिया गया है. यह फ़ैसला वक्फ बिल के लिए आपके समर्थन के विरोध में लिया गया है, जिससे मुसलमानों का पिछड़ापन बढ़ने का ख़तरा है.' संगठन ने कुमार पर अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करने के अपने वादे को तोड़ने का आरोप लगाया.

इमारत शरिया ने लगाए ये आरोप

इमारत शरिया ने आरोप लगाते हुए कहा, 'आप एक धर्मनिरपेक्ष शासन का वादा करके सत्ता में आए थे, जिसमें अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी. लेकिन भाजपा के साथ आपका गठबंधन और असंवैधानिक और अतार्किक कानून के लिए आपका समर्थन आपकी घोषित प्रतिबद्धताओं के खिलाफ है.'

नीतीश की छवि धर्मनिरपेक्ष नेता की

जेडी(यू) ने पारंपरिक रूप से नीतीश कुमार को एक धर्मनिरपेक्ष नेता के रूप में पेश करके मुस्लिम वोटों पर भरोसा किया है.बिहार में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. जनता दल (यूनाइटेड) ने अभी तक मुसलमान के बहिष्कार का जवाब नहीं दिया है. ऐसे में चुनाव से पहले पार्टी के लिए ये एक बुरी खबर साबित हो सकती है.

बीजेपी ने क्या कहा?

इस बीच बीजेपी स्पोकपर्सन प्रभाकर मिश्रा ने मुसलमानों के इस व्यवहार को निंदनीय बताया है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी को धार्मिक मुस्लिम संगठन इमारतें सरिया सहित कई मुस्लिम संगठनों का बायकॉट किया जाना काफी निंदनीय है. उन्होंने ये भी कहा कि इसमें बुरी बात ये भी है कि आरजेडी इसे भी मुद्दा बना रही है और प्रचार-प्रसार कर रही है.

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