अपनी बेटी को लेकर चली गईं छठी मैया, हमेशा जिंदा रहेंगी; शारदा सिन्हा के शागिर्द रहे हृदय नारायण झा ने बताई दिल की बात

गीतकार हृदय नारायण झा ने शारदा सिन्हा के लिए कुल 15 गीत लिखे. इसमें से उन्होंने नौ छठ गीत लिखे हैं, जिसमें पांच मैथिली में है और चार भोजपुरी में है. हाल ही एक गीत दिल्ली एम्स से रिलीज हुआ, वह गाना भी शामिल है. इस गीत के बोल हैं 'दुखवा मिटाई छठी मैया, रउए असरा हमार..'. इसे साल 2023 छठ के 3 महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था.;

By :  नवनीत कुमार
Updated On : 6 Nov 2024 1:14 PM IST

बिहार की स्वर कोकिला कही जाने वाली शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. पटना में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 26 अक्टूबर को तबियत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके बेटे अंशुमान उनकी हेल्थ अपडेट दिया करते थे.

शारदा सिन्हा के वेंटिलेटर पर जाने के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से बात कर उनकी सेहत की जानकारी ली थी. उनके निधन के बाद बीजेपी सांसद मनोज तिवारी पहुंचे थे और परिजनों का हालचाल लिया था. उनके निधन पर करीबियों में शोक है.

उन करीबियों में गीतकार हृदय नारायण झा भी रहे हैं. उन्होंने शारदा सिन्हा के लिए कुल 15 गीत लिखे. इसमें से उन्होंने नौ छठ गीत लिखे हैं, जिसमें पांच मैथिली में है और चार भोजपुरी में है. हाल ही एक गीत दिल्ली एम्स से रिलीज हुआ, वह गाना भी शामिल है. इस गीत के बोल हैं 'दुखवा मिटाई छठी मैया, रउए असरा हमार..'. इसे साल 2023 छठ के 3 महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था.

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उनका निधन है अपूरणीय क्षति

उनके निधन पर गीतकार हृदय नारायण झा ने स्टेट मिरर से हुई बातचीत में बताया कि शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं हैं. मेरे साथ उनके बहुत से संस्मरण हैं. ऐसे महान हस्ती के निधन पर शोक करने की चीज नहीं है. जो अमरत्व को प्राप्त करता है उसके निधन शोक किस बात का? शोक तो इस बात का है कि वह ऐसी अपूरणीय क्षति है जो इस उम्र में भी छठ पर्व में व्रती के लिए गीत गाती थी वह अब आगे से नया गीत सुनने को नहीं मिलेगा.

अंतिम गीत मेरी ही रचना

बात करते हुए हृदय नारायण झा ने बताया कि शारदा सिन्हा द्वारा गाया गया अंतिम गीत मेरी ही रचना है. इसे एम्स से रिलीज किया गया था. विगत का शोक करने से हमारा शास्त्र भी मना करता है. हम उनकी आत्मा की शांति के लिए जो कर सकते हैं करें. उनके आदर्शों को नई पीढ़ी में उतारने का प्रयास करें. उनकी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करें, यही हमारे पास विकल्प है.

आने वाली पीढ़ी उनसे ले प्रेरणा

एक लोकगीत की प्रोफ़ेसर होने के बावजूद एक कुशल गृहिणी का दायित्व निभाते हुए, एक कुलीन बेटी का चरित्र जीते हुए जो उन्होंने लोकगीत में एक राष्ट्रीय फलक पर अप्रत्याशित सफलता और सम्मान को प्राप्त किया है. आने वाली पीढ़ी उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे. वो अमरत्व प्राप्त करके वह ऐसा अपना चरित्र और व्यक्तित्व दे गईं हैं. उनके निधन पर श्रद्धांजलि इसी भाव से दें कि उनके गुणों को साकार करने का प्रयास किया जाएगा.

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