'संघ वालों के कान पकड़कर भी जातीय जनगणना...', लालू यादव का जिक्र कर तेजस्वी बोले- मजबूरी में झुकी है भाजपा

तेजस्वी यादव ने केंद्र के जातीय जनगणना फैसले को राजद की वैचारिक जीत बताया. उन्होंने कहा कि लालू यादव ने वर्षों तक संसद और सड़क पर इसकी लड़ाई लड़ी. तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि संघ वालों के कान पकड़कर भी ये काम करवाया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लंबे समय तक इसका विरोध किया और अब मजबूरी में झुकी है. तेजस्वी ने जनगणना में देरी को लेकर चिंता जताई और जल्द प्रक्रिया शुरू करने की मांग की.;

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Tejashwi Yadav on Caste Census: केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े शामिल करने के फैसले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को इसे लालू यादव और उनकी समाजवादी विचारधारा की जीत बताया. उन्होंने कहा कि भाजपा को इस फैसले के लिए मजबूर होना पड़ा.

तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “लालू यादव जी ने संसद हो या सड़क, हमेशा इस मुद्दे को उठाया. जब बिहार में हमारी महागठबंधन सरकार बनी, तब हमने पूरी जांच के बाद जातीय गणना करवाई. 2015 में लालू जी ने कहा था कि संघ वालों के कान पकड़कर भी जातीय जनगणना करवाई जाएगी. आज वे लोग मजबूर होकर इसे कर रहे हैं. आखिर इतने दिनों से इसका विरोध कौन कर रहा था? हम शुरू से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं.”

"जनगणना में पहले ही चार साल की देरी हो चुकी है"

पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने चिंता जाहिर की कि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि जातीय जनगणना कब होगी. उन्होंने कहा, “जनगणना में पहले ही चार साल की देरी हो चुकी है. यह परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने से पहले हो जानी चाहिए. देखना होगा कि यह कब तक होती है, यह हमारी विचारधारा की जीत है. हमने इसे संघर्ष से हासिल किया है.”

पटना में लगे पोस्टर, RJD ने मनाया जीत का जश्न

केंद्र के इस फैसले के बाद पटना स्थित RJD कार्यालय के बाहर एक बड़ा पोस्टर लगाया गया, जिसमें लालू यादव और तेजस्वी यादव को इस फैसले के लिए बधाई दी गई. पोस्टर में कहा गया कि यह जीत  जातिगत जनगणना की लगातार मांग का नतीजा है.

लालू यादव बोले- हम समाजवादियों के एजेंडे पर नाच रहे हैं संघी लोग

इससे पहले बुधवार को लालू प्रसाद यादव ने कहा कि यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि समाजवादी विचारधारा, जिसे पहले नकारा या उपहास का विषय बनाया गया था, आज मुख्यधारा की राजनीति द्वारा अपनाई जा रही है. हम समाजवादियों ने 30 साल पहले जो बातें कहीं- चाहे वो आरक्षण हो, जातीय जनगणना हो, समानता, भाईचारा, या धर्मनिरपेक्षता- उन पर आज बाकी पार्टियां चल रही हैं. रास्ता लंबा है, लेकिन हम इन्हें हमारे एजेंडे पर नचाते रहेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया फैसला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी जनगणना में जाति आधारित गणना को शामिल किया जाएगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि यह निर्णय दिखाता है कि हमारी सरकार समाज और राष्ट्र के समग्र हितों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है. इससे समाज आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत होगा. जब आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10% आरक्षण दिया गया था, तब भी किसी वर्ग में तनाव नहीं हुआ था.

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