आमरण अनशन पर छात्रों के साथ बैठे प्रशांत किशोर, एक्शन में आया प्रशासन और दर्ज की FIR
बिहार BPSC परीक्षा रद्द करने की छात्रों की मांग और भी उग्र होती जा रही है. इस कड़ी में प्रशांत किशोर ने गुरुवार को आमरन अनशन करने का एलान कर गांधी मैदान में अनशन पर बैठ गए हैं. दरअसल इस अनशन को लेकर पहले ही जानकारी दी थी. सरकार को 48 घंटों का समय दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर परीक्षा रद्द न हुई तो वो फिर से अनशन पर बैठेंगे. हालांकि 2 जनवरी को ये प्रदर्शन शुरू हुआ.;
बिहार में BPSC परीक्षा को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. छात्रों के इस प्रदर्शन में जन सुराज पार्टी चीफ प्रशांत किशोर भी छात्रों का साथ दे रहे हैं. इसी कड़ी में गुरुवार को उन्होंने आमरन अनशन शुरू करने का एलान किया है. उन्होंने अब तक छात्रों के प्रदर्सन में उनका साथ दिया. हालांकि इस दौरान उनपर लाठीचार्ज भी हुआ था.
जानकारी के अनुसार पुलिस ने प्रशांत किशोर के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई है. अब छात्रों की मांगों पूरी न होने को लेकर किशोर गांधी मैदान में बापू स्थल पर अपने समर्थकों के साथ आमरन अनशन पर बैठ गए हैं.
सरकार से प्रशांत किशोर की मांग
दरअसल प्रशांत किशोर परीक्षा को रद्द कराने की मांग कर रहे हैं. साथ ही उन भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं जो परीक्षाओं से भरे जाने वाले पदों को बिक्री के लिए रखा था. इसपर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार की ये अहंकारी सरकार के खिलाफ है. जिसके नेता नीतीश कुमार ने छात्रों से मिलना उचित नहीं समझा. उन्होंने कहा कि छात्रों ने आंदोलन वापस लेने की सहमति जती है. अगर CM कहते हैं कि परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकतीं छात्रों को अधिकारियों ने पीटा हमारे जैसे लोगों के लिए केवल एक ही रास्ता है, इसलिए मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहा हूं.
इस दौरान बिहार के शिक्षा सिस्टम पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि पूरी व्यवस्था चौपट है. एक के बाद एक पेपर लीक हो रहे हैं. लेकिन सरकार इसपर कुछ नहीं कर रही है. वहीं इन मांगों में डेमिसाइल नीति को भी लागू करना शामिल है.
मौज मस्ती कर रहे CM कुमार
प्रशांत किशोर ने इस दौरान बिहार CM पर आरोप लगाया कि विरोध प्रदर्शन पर चुप्पी साधी है. क्योंकी सीएम दिल्ली में मौज मस्ती कर रहे हैं, और हमारे युवा पीड़िच है. पीके ने आरोप लगाया कि परीक्षा प्रक्रिया से जुड़े “हजारों करोड़ रुपये” हाथ बदले गए. हालांकि अब इन मागों ने राजनीतिक मोड़ ले लिया है. अब तक कई राजनीतिक दलों की इस मामले पर प्रतिक्रियाएं सामने आ चुकी हैं. जेदीयू ने भी बिहार सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने भी प्रतिक्रिया दी और पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है.