पढ़ाई में अव्वल फिर भी जिंदगी से हारी बिहार NIT की छात्रा, कॉलेज प्रशासन पर छात्र उठा रहे सवाल, कर रहे धरना प्रदर्शन
बिहार के पटना NIT कॉलेज की एक छात्रा ने आत्महत्या की. इसके बाद छात्रों ने कॉलेज में जमकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर डाला. वहीं मृतिका की पहचान आंध्रप्रदेश निवासी पल्लवी रेड्डी के रूप में हुई है. वहीं छात्र के अचानक आत्महत्या करने पर कॉलेज के अन्य छात्रों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है. साथ ही धरना प्रदर्शन किया;
पटना (बिहार): बिहार के पटना NIT कॉलेज की एक छात्रा ने आत्महत्या की. इसके बाद छात्रों ने कॉलेज में जमकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर डाला. वहीं मृतिका की पहचान आंध्रप्रदेश निवासी पल्लवी रेड्डी के रूप में हुई है. बताया जा रहा है कि वह छात्र कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक में द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही थी.
मृतिका पल्लवी रेड्डी की आत्महत्या की सूचना छात्रों ने कॉलेज प्रिंसिपल को दी.कॉलेज प्रबंधन ने पुलिस को सूचित किया. वहीं पुलिस घटनास्थल पर पहुंचने के बाद शव को कब्जे में लेकर पोस्टमोर्टम के लिए अस्पताल भेजा.
क्यों की आत्महत्या?
वहीं इस घटना पर एक छात्र ने राज कुमार पाणजेय ने कहा कि यह घटना 9 बजे की है. जब पल्लवी ने सुसाइड किया था. छात्र ने कहा कि ऐसा किसली किया इस पर उन्हें कोई जानकारी नहीं है. हालांकि पुलिस के पास मामाल पहुंच चुका है. जिसकी वह अब जांच पड़ताल कर रही है. लेतिन छात्र इस आत्महत्या को लेकर कॉलेज के बाहर हंगामा कर रहे हैं. कॉलेज से इस मामले पर जांच करवाने की मांग पर छात्र अड़े हुए हैं.
जांच की कर रहे छात्र मांग
बता दें कि मृतिका पल्लवी के साथ रहने वाली उसकी दोस्तों ने बताया कि जिस दिन उसने सुसाइड की उस दिन वह बिल्कुल नॉर्मल थी. कोई भी उसे देख यह नहीं कह सकता था कि वह किसी बात को लेकर परेशान थी. अब इस पर छात्र सवाल करते हुए यह मांग कर रहे हैं कि आखिर जब पल्लवी को किसी भी चीज की परेशानी नहीं थी फिर उसने ऐसा क्यों कदम उठाया. इन्हीं मांगों के साथ छात्र घटना की जांच करने की भी मांग कर रहे हैं.
पढ़ाई में थी तेज
मृतिका की दोस्तों ने जानकारी देते हुए कहा कि पल्लवी पढ़ाई में काफी तेज थी. लेकिन पुलिस से लेकर छात्रों को यह नहीं समझ आ रहा है, कि आखिर ऐसा कदम उठाने के पीछे वजह क्या थी. हालांकि किसी चीज को लेकर परेशानी पर छात्र मानने को तैयार नहीं है. छात्रों को समझाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन देर रात तक वे धरने पर डटे रहे.