'जन सुराज पार्टी' आज होगी लॉन्च, बिहार में क्या करिश्मा दिखाएंगे PK, जानें प्लान?

प्रशांत किशोर लंबे इंतजार के बाद अपनी पार्टी जन सुराज की लॉन्चिंग करने वाले हैं. आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर वह पहले से ही तैयारी करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में चुनाव से पहले जनता के किन मुद्दे और समस्याओं पर पीके का फोकस रहने वाला है. आइए जानते हैं.;

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Edited By :  सार्थक अरोड़ा
Updated On : 2 Oct 2024 10:12 AM IST

Jan Suraaj Party Launching: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर रणनीतिकार से अब राजनेता का सफर तय करने जा रहे हैं. इस कड़ी पीके आज अपनी पार्टी को जन सुराज पार्टी को लॉन्च करने वाले हैं. ऐसे में साल 2025 में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अपनी पार्टी लाने का प्रशांत किशोर को कितना फायदा मिलेगा. क्या वह इस समय मैदान में मौजूद पार्टियों से मुकाबले की टक्कर कर पाएंगे?

कई सवाल सामने आते हैं, जिनमें एक सवाल ये भी है कि सत्ता में आने के लिए प्रशांत किशोर के क्या मुद्दे हो सकते हैं. क्या जनता के मुद्दों को सुलाझा पाएंगे. जनता उनपर विश्वास कर वोट देगी.

पार्टी के ये होंगे प्रमुख चेहरे

प्रशांत किशोर की पार्टी में कई नेता और कई पूर्व अधिकारी शामिल हैं. इसमें समाज के हर वर्ग के लोग जुड़े हैं. लेकिन इनमें कई चेहरे ऐसे हैं जिन्होंने पहले भी सत्ता में रहते हुए जनता की सेवा करने का मौका पाया है. इन प्रमुख चेहरों में पूर्व मंत्री डीपी यादव, बीजेपी पार्टी से पूर्व सांसद छेदी पासवान, पूर्व सांसद पूर्णमासी राम, मोनाजर हसन तक पार्टी में रहकर प्रशांत किशोर का साथ देने वाले हैं.

पार्टी लॉन्च करने का क्या है एजेंडा?

रणनीतिकार प्रशांत किशोर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए पलायन, बेरोजगारी, पिछड़ेपन की समस्या पर अपना फोकस रखने वाले हैं. इस संबंध में वे पिछले काफी समय से ये कहते हुए भी नजर आ रहे हैं. कि हम केवल समस्याएं ही नहीं, समाधान भी बताएंगे. जनता की समस्या से जुड़ी कई मुद्दों को उन्होंने सामने रखा है.

रोजगार से रोकेगी पलायवन

बेरोजगारी से परेशान होकर नौकरी की तलाश में लोग अलग-अलग शहर की ओर पलायन कर रहे हैं. इस समस्या को रोकने के लिए रोजगार देने की गारंटी अकसर प्रशांत किशोर करते नजर आते हैं. उन्होंने ये पहले भी कहा था कि किसी भी व्यक्ति को बिहार से महज 10 से 12 हजार रुपये की नौकरी के लिए पलायन करने की जरुरत नहीं होगी. नौकरी के अवसर हम बिहार में ही उपलब्ध करवाएंगे.

नहीं मिल पाएगा महिलाओं का वोट?

अपनी रैली, बयान और भाषण के दौरान प्रशांत किशोर असकर शराबंबदी का मुद्दा बेबाकी से सामने रखते हैं. शराबबंदी को लेकर उनकी राय संभव है महिलाओं के वोटों के आंकड़ें को कम कर सकती है. ऐसा इसलिए हालही में पार्टी लॉन्चिंग से कुछ समय पहले पार्टी प्रमुख ने कहा था कि बिहार की सत्ता में उनकी सरकार बन जाने के बाद महज कुछ 15 मिनट के अंदर वह राज्य में शराब पर लगे प्रतिबंध को हटाने का काम करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा था कि शराब से जुटाया गया पैसा वह शिक्षा पर खर्च करेंगे. लेकिन इससे महिलाओं का वोट उनकी पार्टी के लिए कम हो सकता है.

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