बिहार सरकार ने गया का नाम बदलकर 'गया जी' क्यों किया? जानें क्या है इसका इतिहास और महत्व

बिहार सरकार ने गया का नाम बदलकर 'गया जी' कर दिया है, जो केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण निर्णय है. यह शहर हिंदू धर्म में पिंडदान के लिए, बौद्ध धर्म में बुद्ध की ज्ञानस्थली के रूप में और जैन धर्म में महावीर की तपस्थली के रूप में प्रसिद्ध है. नाम परिवर्तन स्थानीय आस्था, जन भावनाओं और परंपरा को आधिकारिक मान्यता देने का प्रयास है. 'गया जी' नाम वर्षों से आम बोलचाल और श्रद्धालुओं की भाषा में प्रचलित रहा है.;

By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 17 May 2025 12:19 AM IST

Gaya name change, Gaya Ji history: बिहार सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रसिद्ध धार्मिक नगरी गया का नाम बदलकर 'गया जी' रखने की घोषणा की है. यह फैसला न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. सरकार का कहना है कि यह परिवर्तन उस आस्था और श्रद्धा को मान्यता देने का प्रयास है, जो सदियों से आम जनमानस में 'गया जी' नाम के रूप में रची-बसी है.

बिहार सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “यह सिर्फ नाम का बदलाव नहीं, बल्कि हमारे ऐतिहासिक और धार्मिक मूल्यों का सम्मान है. 'गया जी' एक जीवित संस्कृति है, और अब वह हमारे सरकारी दस्तावेजों में भी सजीव होगी.”

'गया' का नाम 'गया जी' क्यों किया गया?

  • धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता को सम्मान देना
  • आधिकारिक दस्तावेजों में जन भावना के अनुरूप बदलाव
  • तीर्थस्थल की गरिमा को पहचान देना
  • पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना

गया का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

  • पौराणिक संदर्भ: गया का नाम गयासुर नामक एक पौराणिक राक्षस से जुड़ा है, जिसने भगवान विष्णु से वरदान प्राप्त किया था कि उसके शरीर को जहां भी रखा जाएगा, वह स्थान मोक्ष प्रदान करेगा. इस पर भगवान विष्णु ने उसे धरती में समा जाने का आदेश दिया. तभी से यह स्थान 'गया' के रूप में जाना जाता है.
  • पिंडदान की परंपरा: गया भारत के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है. यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और श्राद्ध कर्म के लिए आते हैं. धार्मिक मान्यता है कि गया में पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है. गया पिंडदान और श्राद्ध कर्मों के लिए विश्वप्रसिद्ध स्थल है.
  • बौद्ध धर्म का केंद्र: गया के पास स्थित बोधगया वह स्थान है, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. इसलिए यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए भी अत्यंत पवित्र है.
  • जैन धर्म में महत्व: यह स्थान भगवान महावीर की तपस्थली भी माना जाता है, जिससे यह जैन धर्म के दृष्टिकोण से भी पूजनीय है.

‘गया जी’ नाम का परंपरागत उपयोग

आम जनमानस में और धार्मिक श्रद्धा में 'गया' को हमेशा 'गया जी' ही कहा जाता रहा है. स्थानीय बोलचाल, पुरोहितों, और तीर्थ यात्रियों की भाषा में यह नाम सदैव प्रचलित रहा है.

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