नेपाल में हो रही बारिश से बिहार में फ्लैश फ्लड का खतरा, अलर्ट मोड पर 13 जिलों के डीएम
नेपाल में लगातार हो रही बारिश बिहार के लिए चिंता का विषय है। पहलेसे ही बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी, गंडक और गंगा समेत कई सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। अब मौसम विभाग ने बिहार के लोगों की चिंता बढ़ा दी है।;
नेपाल में लगातार हो रही बारिश बिहार के लिए चिंता का विषय है। पहलेसे ही बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। कोसी, गंडक और गंगा समेत कई सहायक नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। अब मौसम विभाग ने बिहार के लोगों की चिंता बढ़ा दी है।
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य के 12 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग ने 13 जिलों में अचानक बाढ़ आने के खतरे के बारे में जानकारी दी है, जिसे फ्लैश फ्लड कहा जाता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि बिहार के पांच जिले पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही शिवहर, सीतामढ़ी, सारण, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश के दौरान लोगों को घरों से बाहर न निकलने की अपील की है।
फ्लैश फ्लड का खतरा
नेपाल में लगातार हो रही बारिश के कारण फ्लैश फ्लड का खतरा है। इसके कारण कोसी और गंडक नदी में उफान की संभावना बढ़ सकती है। इसे लेकर पटना, वैशाली, जहानाबाद, मधुबनी, भोजपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चम्पारण और पश्चिम चम्पारण जिले इसकी चपेट में आ सकते हैं। मौसम विभाग ने आपदा प्रबंधन विभाग को तैयारी करने को कहा है। साथ ही 13 जिलों के डीएम को अलर्ट रहने के लिए कहा है। आपदा प्रबंधन विभाग ने डीएम को निर्देश देते हुए कहा कि अगले चौबीस घंटे अहम हैं और इमरजेंसी के लिए सभी जरूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।
बैराज के खोले गए फाटक
बता दें, कोसी बैराज के 56 फाटक खोल दिए गए हैं और नेपाल के तराई इलाकों में लगातार बारिश के कारण वाटर डिस्चार्ज बढ़ता ही जा रहा है। वहीं, गंडक नदी पर मौजूद वाल्मीकिनगर बैराज पर लगातार जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। वाल्मीकिनगर बैराज के सभी 36 फाटक खोल दिये गए हैं। गंडक नदी से 3 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज हो चुका है। साथ ही नेपाल के नारायणी नदी का जलस्तर 5 लाख क्यूसेक के पार चला गया है।