हर साल छठ आएगा और शारदा जी हर घर में मौजूद रहेंगी: कार्टूनिस्ट पवन ने बयां किया दर्द

स्टेट मिरर से बात करते हुए मशहूर कार्टूनिस्ट पवन टून्स ने कहा कि पटना में आई बाढ़ में शारदा जी को गले भर पानी से किसी तरह निकाला गया था. शारदा सिन्हा जी ने मुझे कहा कि मेरा पूरा मेडल-सम्मान सब पानी में तैरकर इधर-उधर चला गया, बस किसी तरह हम बच गए पवन. वह मेरा हाथ पकड़ी रहीं. यही बात आज जेहन में घूम रही है.;

( Image Source:  facebook/pawan.toon.56 )
By :  नवनीत कुमार
Updated On : 6 Nov 2024 11:20 PM IST

बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. उनके शव को पटना स्थित आवास पर लाया गया है. कल राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 26 अक्टूबर को तबियत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

बिहार के मशहूर कार्टूनिस्ट पवन टून्स ने स्टेट मिरर से बातचीत करते हुए कहा कि देशभर में की जा रही प्रार्थनाओं-दुआओं के बीच शारदा जी के निधन की सूचना मिली. बार-बार उनका वो पल जेहन में अभी आ रहा है कि जब उन्होंने कार में हाथ पकड़कर मुझे बोल रहीं थी कि पवन जितना वेक्टेरिया अभी पूरे शरीर में घूम रहा उसमे कुछ हो तो नहीं न जायेगा? बीमार-बीमार मन हो रहा है, गला बैठ गया है, उलटी आ रही है, मुझे जल्द से जल्द स्नान करना है.

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बाढ़ के समय किया था रेस्क्यू

ये वाक्या उन्होंने उस वक़्त का बताया जब बाढ़ के चलते पूरा पटना शहर डूब गया था. इस दौरान उन्होंने NDRF की टीम के साथ जाकर रेस्क्यू किया था. उन्होंने कहा कि शारदा जी को गले भर पानी से किसी तरह निकाला गया था. शारदा सिन्हा जी ने मुझे कहा कि मेरा पूरा मेडल-सम्मान सब पानी में तैरकर इधर-उधर चला गया, बस किसी तरह हम बच गए पवन. वह मेरा हाथ पकड़ी रहीं. हम निकलकर अश्वनी चौबे के बेटे के घर पर गए और स्नान करने के बाद शारदा जी और अंशुमन के पिता जी साथ चाय पर बैठे.

उषा किरण खान ने कराया था परिचय

अचानक एक कार्यक्रम में उषा किरण खान जी का मैथिली गीत सुनने पहुंचा था. पूरे हॉल में कुर्सियां भरी हुई थी और मैं मंच के नीचे साइड में खड़ा हो गया. मंच पर सब लोग चर्चा कर रहे थे लेकिन उषा किरण जी ने शारदा सिन्हा को मेरी ओर उंगली दिखाकर मुस्कुरा रही थीं. कार्यक्रम ख़त्म होने के बाद उन्होंने रुकने का इशारा किया.

शारदा जी के साथ आते हुए उषा जी ने कहा- हां यही है पवन. तब शारदा जी ने कहा कि देखिये आप आज मिल रहे हैं. आप उषा जी के घर के हैं. हम इतने दिन से कार्टून देख रहे हैं, हम आपके प्रशंसक हैं. मैंने कहा कि ये देखिए आपकी प्रशंसक तो सबसे पहले मेरी मां होंगी, जब उसे पता लगेगा की आपके सामने खड़ा हूं. तब से लेकर आज तक ये रिश्ता करीब होता चला गया.

फिर चाहे अंशुमन की शादी हो या अन्य किसी मौके पर शारदा जी मिलती रहीं. जब भी मिलीं तो हंसते खिलखिलाते मिलीं. अब न मेरी मां है, न उषा किरण खान जी और न अब शारदा जी रहीं. लेकिन हर साल का ये छठ आता रहेगा और शारदा जी अपनी कोकिल आवाज़ के साथ हर घर में मौजूद रहेंगी.

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