चंदन मिश्रा हत्याकांड: 10 लाख में हुई हत्या की डील, कोलकाता से मुख्य आरोपी समेत 8 गिरफ्तार; अबतक क्या-क्या हुआ खुलासा?
पटना के पारस अस्पताल में गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या की जांच ने नया मोड़ ले लिया है. 10 लाख की सुपारी में पश्चिम बंगाल की जेल से हत्या की साजिश रची गई थी. पुलिस ने कोलकाता से 8 लोगों को गिरफ्तार किया है. मुख्य शूटर तौसीफ की गिरफ्तारी के साथ ही बंगाल और बिहार के अपराध नेटवर्क पर भी सवाल उठने लगे हैं.;
17 जुलाई को पटना के पारस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया. अपराधी पूरी तैयारी के साथ अस्पताल में दाखिल हुए. सुबह करीब 11 बजे, हथियारबंद पांच शूटर चुपचाप मेडिकल पैरोल पर आए चंदन मिश्रा के कमरे (209 नंबर) तक पहुंचे और उसे गोली मार दी. ये सारी घटना CCTV कैमरे में कैद हुई, जिससे साबित हुआ कि अपराधी कितनी आसानी से अस्पताल के अंदर घुस गए थे.
घटना के तुरंत बाद बिहार पुलिस की स्पेशल टीम ने पश्चिम बंगाल की STF के साथ मिलकर कोलकाता में छापेमारी शुरू की. 48 घंटे की कार्रवाई में न्यू टाउन और आनंदपुर इलाके से मुख्य शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह, उसका भाई नीशू खान, शूटर सचिन सिंह, हर्ष कुमार, भीम कुमार और अल्पना दास को गिरफ्तार किया गया. इसके अलावा दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया. कोलकाता में किराए पर लिए गए एक फ्लैट से शूटरों की गिरफ्तारी हुई, जो वारदात के बाद वहीं छिपे हुए थे.
10 लाख की सुपारी का खेल
इस हत्याकांड की जड़ें पश्चिम बंगाल की पुरुलिया सेंट्रल जेल से जुड़ी हैं. यहां बंद गैंगस्टर ओंकार सिंह उर्फ शेरू ने अपने पुराने साथी तौसीफ से संपर्क किया और चंदन की हत्या की सुपारी दी. सूत्रों के अनुसार, डकैती के सामान को लेकर चंदन और शेरू के बीच पुराने मतभेद थे. एक वक्त पर दोनों बिजनेस पार्टनर माने जाते थे, लेकिन दुश्मनी इतनी गहरी हो चुकी थी कि जेल में रहते हुए ही शेरू ने 10 लाख की सुपारी तय की.
शक के घेरे में अस्पताल स्टाफ
जांच में यह बात भी सामने आई है कि तौसीफ पहले भी पारस अस्पताल में आता-जाता रहा था और वहां के कुछ सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ से उसकी जान-पहचान थी. पुलिस को संदेह है कि अस्पताल के अंदर से शूटरों को जानकारी और मदद मिली थी. चंदन जिस फ्लोर पर भर्ती था, उसी फ्लोर पर शूटरों ने एक फ्लैट किराए पर लिया था, जिससे पूरे मूवमेंट पर नजर रखना आसान हो गया.
तौसीफ का प्लान और बहन की भूमिका
हत्या के बाद तौसीफ सीधा अपने गांव पहुंचा, वहां से अपनी बहन को उसके ससुराल छोड़ने गया और उसी के मोबाइल से कॉल कर अपने ठिकाने बदलता रहा. पुलिस को शक है कि तौसीफ ने जानबूझकर महिला सदस्य के फोन का इस्तेमाल किया ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न हो सके. तौसीफ की बहन, पिता और दो दोस्तों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है.
FIR में डॉक्टरों और अस्पताल पर भी आरोप
चंदन मिश्रा के पिता ने FIR में सीधे तौर पर डॉक्टर पिंटू और पारस अस्पताल के कुछ स्टाफ को शक के घेरे में बताया है. उनका दावा है कि चंदन को 16 जुलाई को डिस्चार्ज किया जाना था, लेकिन डॉक्टरों ने जानबूझकर 17 तारीख को किया. इसी दिन उसकी हत्या हो गई. उनके अनुसार, गोली लगने के बाद अस्पताल का कोई भी स्टाफ 15 मिनट तक कमरे में नहीं आया.
अब तक 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड
हत्याकांड के बाद बिहार पुलिस ने न सिर्फ कोलकाता तक जाकर आरोपियों को दबोचा, बल्कि अपने सिस्टम की सफाई भी शुरू कर दी. घटना में लापरवाही के आरोप में शास्त्रीनगर थाना के एक सब-इंस्पेक्टर, दो जमादार और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया. सवाल उठ रहा है कि जब चंदन पर पहले से खतरे की आशंका थी तो सुरक्षा व्यवस्था इतनी ढीली क्यों थी?
क्या बंगाल बनता जा रहा है अपराधियों का सुरक्षित अड्डा?
इस केस से एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या बिहार के गैंगस्टरों ने पश्चिम बंगाल को छिपने की जगह बना लिया है? पिछले कुछ वर्षों में कई मामलों में ऐसा देखा गया है कि अपराधी अपराध करने के बाद बंगाल की सीमा में शरण लेते हैं. कोलकाता के रिहायशी इलाकों में किराए के फ्लैट लेकर अपराधी महीनों छिपे रहते हैं. यह केस एक बार फिर राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और इंटरस्टेट क्राइम सिंडिकेट पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है.