Bihar SIR: 3 लाख वोटर्स को नोटिस, बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाली होने का शक, EC ने 7 दिन में मांगा जवाब
Bihar SIR Election Commission: बिहार में रहने वाले तीन लाख संदिग्ध मतदाताओं को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी है. इन मतदाताओं पर आयोग की जांच में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल का नागरिक होने का शक है. ये मतदाता पूर्वी और पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, अररिया और सुपौल जिले में रहते हैं. सभी जिलों की सीमाएं इन देशों में से किसी एक जुड़े हैं.;
Election Commission Bihar: बिहार में एसआईआर को लेकर महागठबंधन दलों ओर से जारी वोट अधिकार यात्रा के बीच चुनाव आयोग ने तीन लाख मतदाताओं को नोटिस भेजा है. सूत्रों के मुताबिक बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के तहत 3 लाख लोगों को नोटिस मिले हैं. इन नोटिसों में संदिग्ध मतदाताओं को अगले सात दिनों के भीतर संबंधित अधिकारियों के सामने पेश होकर जरूरी कागजात और सफाई देने को कहा गया है.
इस मामले के जानकार एक अधिकारी ने बताया, "तीन लाख लोगों ने एसआईआर के अनुसार मसौदा मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया था. दस्तावेजों की जांच में विसंगतियां सामने आईं हैं. इसके बाद क्षेत्र का दौरा किया गया, जिससे यह संदेह और गहरा गया कि ये लोग बांग्लादेश, म्यांमार या नेपाल से हो सकते हैं."
बीजेपी ने लगाए थे ये आरोप
सीमांचल का यह इलाका नेपाल बॉर्डर के नजदीक वाला इलाका है और समय समय पर राजनीतिक विवादों में रहा है. भाजपा ने इस क्षेत्र में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के अवैध प्रवास का आरोप लगाया है. जबकि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम जैसी पार्टियों का कहना है कि इस क्षेत्र के लोग अशिक्षित हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं. इसलिए उनके दस्तावेज खोने का खतरा सबसे ज्यादा है.
एसआईआर नियम क्या कहते हैं?
एसआईआर के आदेशों के अनुसार, "ईआरओ/एईआरओ द्वारा जांच और निष्पक्ष व उचित अवसर दिए जाने के बाद, स्पष्ट आदेश पारित किए बिना 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित मसौदा सूची से किसी का भी नाम नहीं हटाया जा सकता."
चुनाव आयोग के अधिकारी आमतौर पर किसी संदिग्ध मतदाता के खिलाफ आपत्ति दर्ज होने पर जांच करते हैं. सूत्रों ने बताया कि इन तीन लाख लोगों के मामले जांच में ही विसंगतियां सामने आईं है. एक अधिकारी ने कहा, "इनमें से अधिकांश लोग 2003 की मतदाता सूची का हिस्सा नहीं थे. आधार और जमा किए गए अन्य दस्तावेजों में उनके नाम, पते और अन्य विवरण मेल नहीं खाते थे."
1.96 लाख आपत्तियां दर्ज
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अब तक कुल 1.96 लाख दावे और आपत्तियां प्राप्त हुई हैं. इनमें से ज्यादातर दावे और आपत्तियां व्यक्तियों द्वारा दायर की गई हैं. जबकि 82 दावे और आपत्तियां राजनीतिक दलों द्वारा दायर की गई हैं, जिनमें आरजेडी के तीन और भाकपा (माले) के 79 दावे और आपत्तियां शामिल हैं.
निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी ने ये भी कहा कि दस्तावेजों की जांच जारी रखने के कारण भेजे जा रहे नोटिसों की संख्या बढ़ सकती है. कुल 7.24 करोड़ मतदाता मसौदा मतदाता सूची में शामिल हुए और एसआईआर के पहले चरण में 65 लाख नाम हटा दिए गए. अंतिम मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए मतदाताओं के पास 1 सितंबर तक जरूरी दस्तावेज जमा करने का समय है.