Bihar Exit Poll: तेजस्वी की हो जाएगी बल्ले-बल्ले, अगर इस सर्वे एजेंसी का दावा हुआ सही तो महागठबंधन की बनेगी सरकार
Bihar Exit Poll 2025: बिहार चुनाव 2025 को लेकर 11 एग्जिट पोल सामने आए हैं. इनमें से एक एग्जिट पोल ने सबसे अलग चुनावी पूर्वानुमान का दावा किया है. Journo Mirror के सर्वे में बताया गया है कि महागठबंधन बिहार में अपने दम पर बहुमत के साथ सरकार बनाएगी. जबकि एनडीए को पीछे बताया गया है. जानिए, Journo Mirror के एग्जिट पोल में किसे मिलेंगी कितनी सीटें?;
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान समाप्त होने के बार आए एग्जिट पोल ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. जहां 11 में से 10 एजेंसियों के रिपोर्ट में एनडीए की सरकार बनने का दावा किया गया है. वहीं Journo Mirror Exit Poll ने अपने सर्वे में अलग तस्वीर पेश की है. Journo Mirror के सर्वे में दावा किया गया है कि महागठबंधन बहुमत के आंकड़े को पार कर सकता है और बिहार में सत्ता परिवर्तन लगभग तय है. इसमें यह भी बताया गया है कि युवाओं में तेजस्वी यादव सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं. अगर यह दावा सही हुआ तो एनडीए का सत्ता से बाहर होना तय है.
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मतदान से पहले कई सर्वे आए थे. सर्वे यह पूछा गया था कि सीएम फेस के रूप में सबसे लोकप्रिय चेहरा कौन है? इसके जवाब में बताया गया था कि तेजस्वी यादव इस रेस में सबसे आगे हैं. लेकिन दो चरणों में संपन्न मतदान के बाद जो सर्वे रिपोर्ट आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं. ऐसे में सिर्फ एक एजेंसी का यह दावा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनती दिखाई दे रही है, ने सियासी जानकारों को चौंका दिया है.
MGB को 130 से 140 सीट मिलने का दावा
जर्नो मिरर सर्वे के मुताबिक महागठबंधन को 130 से 140 सीटें मिलने का अनुमान है. जबकि एनडीए को 100 से 110 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा. AIMIM को 3 से 4 सीटें और अन्य को 0 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है. यानी सर्वे के अनुसार आरजेडी-कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन बहुमत के आंकड़े (122) को आराम से पार करता दिख रहा है.
‘जर्नो मिरर’ ने 38 जिलों के 150 विधानसभा क्षेत्रों में 15 हजार से अधिक मतदाताओं की राय के आधार पर महागठबंधन सरकार बनने का दावा किया है. सर्वे में ग्रामीण और शहरी इलाकों के मतदाताओं को शामिल किया गया है. सर्वे के आधार पर बताया गया है कि महागठबंधन को बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे मुद्दों पर जनता का समर्थन मिला है. जबकि एनडीए को सत्ता विरोधी लहर का कुछ असर झेलना पड़ा है.
सीमांचल, तिरहुत और मगध में महागठबंधन को बढ़त
जर्नो मिरर के सर्वे के ये भी बताया गया है कि महिला मतदाताओं के बीच एनडीए का प्रभाव मजबूत जरूर रहा, लेकिन नए मतदाता, यानी 18 से 25 वर्ष के बीच के आयु वर्ग में महागठबंधन को बढ़त मिली है. सीमांचल, तिरहुत और मगध क्षेत्रों में महागठबंधन को बढ़त मिलती दिख रही है. जबकि चंपारण, पटना और नालंदा बेल्ट में एनडीए ने पकड़ बनाए रखी है. एआईएमआईएम सीमांचल की कुछ सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है.
बिहार का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ज्यादा केंद्रित रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा एनडीए को अतिरिक्त लाभ नहीं दिला सका. नीतीश कुमार की छवि स्थिर रही, लेकिन महागठबंधन ने बेरोजगारी और शिक्षा के सवाल को ज्यादा प्रभावशाली ढंग से उठाया.