Bihar Chunav 2025: NDA और महागठबंधन ने महिलाओं से किए नौकरी, आरक्षण और वजीफे सहित कई बड़े वादे, कौन जीतेगा भरोसा?
Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव 2025 में महिला वोटरों को साधने की जंग तेज हो गई है. इस बात को ध्यान में रखते हुए एनडीए और महागठबंधन दोनों ने अपने घोषणापत्र में कई वादे किए हैं. जानिए किस गठबंधन ने रोजगार, सुरक्षा, शिक्षा और सम्मान के मोर्चे पर क्या योजनाएं पेश की हैं. किसके वादों में कितना दम.;
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार चुनाव 2025 में इस बार महिलाएं सबसे अहम मतदाता वर्ग बनकर उभरी हैं. इस बार महिलाओं का वोट निर्णायक भूमिका निभाने वाला है. राज्य की कुल वोटिंग आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 48% है. इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीए और महागठबंधन दोनों ने अपने घोषणापत्रों में महिलाओं के लिए विशेष योजनाएं और वादे किए हैं. जहां एक ओर एनडीए ने महिला सुरक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सुविधाओं को फोकस किया है, वहीं महागठबंधन ने रोजगार, शिक्षा और सम्मान भत्ता के मुद्दे को केंद्र में रखा है.
NDA का महिला सशक्तिकरण एजेंडा
एनडीए गठबंधन (भाजपा-जेडीयू-हम-वीआईपी-आरएलजेपी) ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं के लिए कई बड़े वादे किए हैं. जैसे ‘लक्ष्मी योजना’ के तहत हर घर की महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण. ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 1 लाख तक की ब्याज मुक्त सहायता राशि देना. स्वयं सहायता समूहों को डिजिटल स्किल ट्रेनिंग और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से जोड़ने की योजना.एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का वादा किया है.
- महिला सुरक्षा मिशन 2.0 के तहत प्रत्येक जिले में महिला हेल्प डेस्क और फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करना शामिल है. कॉलेजों और हॉस्टलों में सीसीटीवी, सुरक्षा गार्ड और ट्रॉली बस सुविधा मुहैया कराना. मुख्यमंत्री नारी उद्यमिता योजना के तहत 10 लाख महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य. उद्यमी महिलाओं को 5 लाख तक की बिना ब्याज लोन सुविधा.
- नीतीश सरकार की लोकप्रिय मुख्यमंत्री साइकिल योजना अब 12वीं तक की छात्राओं के लिए जारी रहेगी. कॉलेज जाने वाली छात्राओं को 10,000 की वार्षिक सहायता राशि मिलेगी.
- गर्भवती महिलाओं के लिए ‘सुरक्षित मातृत्व कार्ड’, जिससे मुफ्त दवा और जांच की सुविधा मिलेगी. हर जिले में एक ‘महिला स्वास्थ्य केंद्र’ स्थापित करने का वादा. गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य बीमा कवरेज और बेटियों की शिक्षा के लिए ‘कन्या उत्थान योजना’ का विस्तार.
- पंचायतों में पहले से लागू 50% आरक्षण को अब शहरी निकायों तक विस्तारित करने का वादा.
महाठबंधन का महिला एजेंडा
- महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-वाम दल और वीआईपी) ने अपने घोषणापत्र में महिलाओं के मुद्दों को सीधा सामाजिक न्याय और समान अवसर से जोड़ा है. 5 लाख नई सरकारी नौकरियों में 40% कोटा महिलाओं के लिए.
- हर जिले में महिला रोजगार केंद्र, जहां घरेलू उद्योग, सिलाई, कढ़ाई और फूड प्रोसेसिंग में प्रशिक्षण देने की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
- ग्रामीण महिलाओं को न्यूनतम 15,00 मासिक सम्मान भत्ता देने का वादा.
- गरीब परिवारों की छात्राओं के लिए स्नातक तक मुफ्त शिक्षा. उच्च शिक्षा के लिए विशेष स्कॉलरशिप और महिला छात्रावास का विस्तार.
- महिला सुरक्षा के लिए नारी सुरक्षा डायल 181+ सेवा को मजबूत करने का संकल्प.थानों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने और हर ब्लॉक में महिला सहायता केंद्र की स्थापना.
- बिहार महिला बैंक जैसी संस्था बनाने का वादा, जो महिलाओं को कम ब्याज पर ऋण देगी. महिला स्टार्टअप नीति 2025 लागू करने की घोषणा. जीविका की तर्ज पर नए 2 लाख महिला समूह बनाने की घोषणा.
- विधानसभा और पार्टी संगठनों में 33% महिला प्रतिनिधित्व देने का लक्ष्य.
किसका वादा जनता को भाएगा ज्यादा?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार बिहार की महिलाएं सिर्फ ‘भावनात्मक मुद्दों’ पर नहीं बल्कि सुरक्षा, शिक्षा और आत्मनिर्भरता जैसे बिंदुओं पर वोट करेंगी. एनडीए का जोर कल्याणकारी योजनाओं की निरंतरता पर है. जबकि महागठबंधन नए अवसर और सम्मानजनक रोजगार पर बात कर रहा है.
ग्राउंड रियलिटी
पिछले चुनावों में एनडीए को महिला मतदाताओं का भारी समर्थन मिला था, लेकिन महागठबंधन इस बार ‘न्याय और सम्मान’ के नारे के साथ उनकी नाराजगी को भुनाने की कोशिश में है. यानी बिहार की राजनीति में महिलाएं अब सिर्फ वोटर नहीं, निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं.