बिहार में कैसे चला गमछे का जादू? शपथ ग्रहण के बाद अब सोशल मीडिया पर खूब हो रही चर्चा; देखें वायरल पोस्ट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार गमछा काफी चर्चा का विषय रहा. पीएम मोदी ने जिस तरह रैलियों से लेकर नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण में गमछा लहराया, उससे बिहार के लोगों में एक अलग ही जोश देखने को मिला. अब सोशल मीडिया पर गमछा काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.;

( Image Source:  ANI )
Edited By :  विशाल पुंडीर
Updated On : 21 Nov 2025 1:33 PM IST

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार एनडीए ने बंपर जीत हासिल की. एनडीए ने इस बार 202 सीट हासिल की. जिसके बाद 20 नवंबर को पटना में नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के सीएम के रूप में शपथ ली. बिहार चुनाव में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा का जो विषय रहा वो है गमछा. बिहार चुनाव में इस बार गमछे का जादू देखने को मिला, जिससे बिहारी लोग काफी रिलेट भी करते हैं. जिसको पीएम मोदी काफी अच्छे से जानते हैं.

पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार और जीत से लेकर शपथ ग्रहण समारोह तक में गमछा लहराकर बिहार की जनता का दिल जीतने का काम किया. अब सोशल मीडिया पर गमछे की काफी चर्चा हो रही है. यूजर्स गमछे को लेकर तरह की पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं जो काफी वायरल भी हो रही है.

बिहार में चला गमछे का जादू

बिहार विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का गमछा लहराना सिर्फ एक भावनात्मक क्षण नहीं था, बल्कि उसके पीछे गहरी राजनीतिक समझ और रणनीति छिपी थी. मुजफ्फरपुर की रैली से लेकर 14 नवंबर को नतीजों के दिन दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय तक हर बार मोदी ने गमछा लहराकर राज्य के आम लोगों से सीधा जुड़ाव स्थापित किया.

बिहार की पहचान, संस्कृति और मेहनतकश समाज के प्रतीक माने जाने वाले गमछे को चुनावी मंच पर जिस तरीके से प्रधानमंत्री ने अपनाया, उसने मतदाताओं के मन में यह संदेश और मजबूत किया कि बीजेपी उनके सामाजिक भावबोध के साथ खड़ी है. यही भावनात्मक कनेक्ट एनडीए को भारी बहुमत दिलाने का अहम कारण बना.

सोशल मीडिया पर छाया गमछा

यह चुनाव इस बात का बड़ा उदाहरण बनकर उभरा कि स्थानीय प्रतीक और सांस्कृतिक चिन्ह किस तरह राजनीतिक कनेक्ट को मजबूत बनाते हैं। गमछा इस बार न सिर्फ मंच की शोभा बना, बल्कि एनडीए की जीत का अहम राजनीतिक हथियार भी साबित हुआ. अब सोशल मीडिया पर गमछे को लेकर यूजर्स तरह की कमेंट और पोस्ट शेयर कर रहे हैं.

एक यूजर ने पोस्ट शेयर करके लिखा कि 'बिहार..बिहारीपना..बिहारी अस्मिता और गमछा.. गमछे ने ना सिर्फ़ लोगों को जड़ से जोड़े रखा है बल्कि सामाजिक समरसता और संस्कृति को भी सहेजे रखा है.'

वहीं दूसरे यूजर ने कमेंट करके लिखा 'यह राजनीतिक समर्थन की अपील नहीं है, सिर्फ यह समझना है कि सिंपल बॉडी लैंग्वेज, जमीन से जुड़ा व्यवहार और लोकल कल्चर को अपनाना किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में माहौल को काफी प्रभावित करता है. गमछा लहराना..बिहारियों की आन बान और शान का प्रतीक.'

एक अन्य यूजर ने लिखा 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनाव में आम लोगों से जुड़ाव दिखाने के लिए गमछा लहराया, जो मेहनतकश किसान और मजदूरों की पहचान है। यह उनका सरल और ज़मीन से जुड़ा अंदाज़ था जिसने बिहार के लोगों का दिल जीत लिया। गमछा लहराना मोदी जी का एक सांकेतिक संदेश था, जो उनके जनसंबंध और जनता के प्रति अपनत्व को दर्शाता है। इससे भीड़ की जोश और लोगों के स्नेह का माहौल बना, जिससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ी। इस सरलता और भावुकता ने बिहार की जनता का दिल जीत लिया.'

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने 'हां हम बिहारी हैं जी, थोड़े संस्कारी हैं जी' गाना गाकर जनता का आभार व्यक्त किया. बिहार में सियासी पारा चढ़ाने में मनोज तिवारी के इस गाने ने भी अहम भूमिका निभाई. छठ पर्व के दौरान मनोज तिवारी का ये गाना रिलीज हुआ था जो अभी तक बिहार की जनता की जुबान पर है.

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