बिहार उपचुनाव में एनडीए ने किया क्लीन स्वीप, किया विधानसभा चुनाव पर पडे़गा असर?

Bihar Bypoll Result 2024: बिहार में एनडीए ने विधानसभा उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत दर्ज करते हुए क्लीन स्वीप किया. इस उपचुनाव का विधानसभा चुनाव पर कितना असर होगा, आइए जानते हैं...;

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Bihar Bypoll Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन महायुति ने प्रचंड जीत हासिल की. इसी के साथ बिहार की चार सीटों पर हुए उपचुनाव में भी एनडीए ने क्लीन स्वीप करते हुए महागठबंधन का सफाया कर दिया. जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ, उसमें बेलागंज, रामगढ़, इमामगंज और तरारी शामिल है. बीजेपी ने तरारी और रामगढ़ में जीत दर्ज की, जबकि इमामगंज में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और बेलागंज में जनता दल यूनाइटेड ने जीत हासिल की.

इससे पहले, इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में एनडीए का प्रदर्शन 2019 की तुलना में बहुत अच्छा नहीं रहा था. एनडीए ने 30 और INDIA ने 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि 2019 में एनडीए को 39 सीटों पर जीत मिली थी. इस लिहाज़ से यह जीत काफी अहम मानी जा रही है. इसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है.

महागठबंधन ने लोकसभा चुनाव में किया था अच्छा प्रदर्शन

एनडीए की बिहार उपुचनाव में मिली जीत की काफी चर्चा हो रही है. इसकी एक खास वजह है. वह वजह यह है कि जिन सीटों को उसने जीता है, वहां लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था.

एनडीए को उपचुनाव में क्यों मिली जीत?

एनडीए की जीत की वजह एक्सपर्ट, नीतीश कुमार के चेहरे और हिंदुत्व की राजनीति को मान रहे हैं. उनका कहना है कि इस जीत का सबसे बड़ा कारण नीतीश कुमार हैं. वे सामाजिक न्याय और सेक्युलरिज्म का चेहरा हैं. एनडीए को इसका फायदा हुआ है. अगर वे कहीं महागठबंधन में होते तो नतीजे कुछ और होते. हालांकि, कुछ जानकारों का मानना है कि एनडीए को महागठबंधन के कमजोर उम्मीदवार और वोट बंटने का फायदा हुआ.

एनडीए को बीजेपी की हिंदुत्व की राजनीति का फायदा हुआ. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक हैं तो सेफ हैं नारे के साथ गिरिराज सिंह की यात्रा ने भी चुनाव में असर डाला.

एनडीए की जीत के मायने

एनडीए को उपचुनाव में मिली जीत के बाद इंडिया गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. उसे नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ेगी. इस लिहाज से आने वाला विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होगा. 2009 के लोकसभा चुनाव में 18-19 सीटों पर जो विधायक लड़े थे, वो सांसद बन गए. ऐसे में वहां उपचुनाव हुआ...जिसमें 13 सीटों पर एनडीए को हार का मुंह देखना पड़ा. वहीं, जब 2010 में विधानसभा चुनाव हुए तो एनडीए को बड़ी जीत मिली. इस वजह से कहा जा सकता है कि उपचुनाव का ज्यादा असर मुख्य चुनाव पर नहीं पड़ेगा, लेकिन जो ट्रेंड दिखाई दे रहा है, उससे साफ है कि मुकाबला बेहद रोमांचक होगा.

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