आरोपियों के चेहरे पर नहीं दिखा पछतावा...वर्चुअल पेशी पर Zubeen Garg की बहन ने कही ये बात, 3 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

सितंबर में जुबिन गर्ग की मौत की खबर ने सभी को रूला दिया था. सिंगर की मौत के बाद आखिरकार तीन मीने बाद इस मामले में वर्चुअल पेशी हो चुकी है. जहां उनकी बहन मौजूद थी. इस दौरान उन्होंने कहा कि अदालत के सामने पेश किए गए आरोपियों के चेहरों पर किसी तरह का पछतावा नजर नहीं दिखा.;

( Image Source:  instagram-@zubeen.garg )
Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 22 Dec 2025 4:50 PM IST

जुबिन गर्ग की मौत ने पूरे असम ही नहीं देश को हिला दिया था. सिंगर की अचानक मौत के चलते जमकर बवाल हुआ. जहां करीब तीन महीने बाद सारी जांच-पड़ताल के बाद इस मामले में सुनवाई शुरु हुई. जहां अब लोगों को उम्मीद है कि सिंगर को न्याय मिलेगा.

जुबिन गर्ग मौत मामले में सात आरोपियों की वर्चुअल पेशी हुई. सिंगर की मौत के मामले में 2,500 पन्नों की चार्जशीट दर्ज की गई. इस सुनवाई के दौरान जुबिन गर्ग की बहन मौजूद थी. जहां उन्होंने कहा कि आरोपियों के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था. अब इस हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई 3 जनवरी को होगी.

अदालत में पेश हुए सातों आरोपी

सुनवाई के दौरान इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी सात आरोपियों को अदालत में वर्चुअल तरीके से पेश किया गया. इनमें नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल के ऑर्गेनाइजर श्यामकानु महंता, जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, उनके चचेरे भाई और एपीएस अधिकारी संदीपन गर्ग, ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी, को-सिंगर अमृत प्रभा महंता और गायक के दो पीएसओ परेश बैश्य व नंदेश्वर बोरा शामिल हैं. 

कहां बंद हैं आरोपी?

इस समय श्यामकानु महंता, सिद्धार्थ शर्मा, संदीपन गर्ग और जुबीन गर्ग के दोनों पीएसओ बक्सा जिला जेल में बंद हैं. वहीं, ड्रमर शेखरज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंता को हाफलोंग जेल में रखा गया है.

2500 पन्नों की चार्जशीट और हत्या की धाराएं

असम पुलिस की विशेष जांच टीम (SIT) ने इस केस में करीब 2,500 पन्नों की चार्जशीट कामरूप के सीजेएम कोर्ट में जमा की है. जांच पूरी होने के बाद श्यामकानु महंता, सिद्धार्थ शर्मा, शेखरज्योति गोस्वामी और अमृत प्रभा महंता पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है.

सुनवाई के दौरान जुबिन गर्ग की बहन थी मौजूद

सुनवाई के समय जुबिन गर्ग की बहन डॉ. पाल्मी बोर्थाकुर भी अदालत में मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि उनके भाई को इंसाफ मिलेगा. उन्होंने सरकार, असम पुलिस की SIT और न्याय व्यवस्था पर भरोसा जताया. साथ ही उन्होंने बताया कि परिवार को अब तक चार्जशीट की प्रमाणित कॉपी नहीं मिली है. डॉ. पाल्मी ने यह भी कहा कि वर्चुअल पेशी के दौरान आरोपियों के चेहरे देखकर उन्हें किसी तरह का पछतावा दिखाई नहीं दिया, जिससे परिवार का दर्द और बढ़ गया.


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