अब डायन बताकर नहीं किया जाएगा महिलाओं को परेशान, मानव तस्‍करी पर भी लगेगी लगाम; असम सरकार की नई नीति में क्‍या-क्‍या?

असम सरकार ने मानव तस्‍करी और महिलाओं को डायन बताकर परेशान किया जाता है. इतना ही नहीं, उनकी हत्या भी कर दी जाती है. अब सरकार इस तरह के अपराध करने वाले लोगों के खिलाफ नई सख्त नीति लाई है. इतना ही नहीं, इसके लिए अलग से बजट भी बनाया जाएगा.;

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Edited By :  हेमा पंत
Updated On : 17 May 2025 1:39 PM IST

असम की धरती पर एक ओर सदियों पुरानी अंधविश्वास की छाया है, तो दूसरी ओर आधुनिक युग की सबसे भयावह काली हकीकत  मानव तस्करी. इन दोनों अपराधों ने महिलाओं और बच्चियों की जिंदगी को लंबे समय से असुरक्षित बना रखा है, लेकिन अब असम सरकार ने एक ठोस कदम उठाया है.

12 मई को असम सरकार ने एक नई नीति की घोषणा की है. यह अधिसूचना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी की गई. यह सिर्फ एक सरकारी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि एक ऐसे समाज के निर्माण की ओर कदम है जहां महिलाएं बिना डर के जी सकें.

बनाया जाएगा अलग बजट

राज्य अब इन मामलों को गंभीर अपराध के तौर पर देखेगा. इसके लिए अलग बजट टॉप बनाया जाएगा. इसमें मिशन शक्ति और मिशन वात्सल्य के तहत मौजूदा संसाधनों का भी इस्तेमाल होगा.

क्या है डायन-शिकार?

डायन-हंटिंग कोई साधारण अपराध नहीं है. यह सांस्कृतिक अंधविश्वास से जन्मा एक सामाजिक पाप है. असम के कई ग्रामीण इलाकों में अब भी महिलाएं डायन बताकर उत्पीड़न का शिकार होती हैं. 2018 में सरकार ने असम विच हंटिंग (निषेध, रोकथाम और संरक्षण) अधिनियम पारित किया, जिसने डायन-शिकार को गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य अपराध बना दिया. इसके बावजूद 2022 से 2024 के बीच 32 मामले दर्ज हुए. यह दिखाता है कि क़ानून तो है, पर सामाजिक बदलाव अब भी ज़रूरी है.

मानव तस्करी

मानव तस्करी एक खतरनाक रैकेट है, जो गरीबी, लालच और बेबसी का फायदा उठाता है. मानव तस्करी को सरकार ने एक वैश्विक संगठित अपराध के रूप में पहचाना है, जो खासकर महिलाओं और लड़कियों को असमान रूप से प्रभावित करता है. 2024 में ही असम पुलिस ने 700 तस्करों को गिरफ्तार किया और 900 से अधिक पीड़ितों को बचाया.

तीन-स्तरीय प्रणाली

इस नई नीति के तहत एक तीन-स्तरीय कार्य प्रणाली लागू होगी. 

  • गांव स्तर – जागरूकता, निगरानी और शिकायत निवारण समितिया.
  • जिला स्तर – बचाव और पुनर्वास कार्य
  • राज्य स्तर – निगरानी, रिपोर्टिंग और नीति-निर्माण

कैसे करेगा सिस्टम काम

मानव तस्करी विरोधी पुलिस अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे. एक राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त होगा जो इन मामलों की निगरानी करेगा. गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत स्पेशल यूनिट तस्करी के मामलों की जांच और पीड़ितों के पुनर्वास में मदद करेंगी.

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