पुशबैक पॉलिसी का असर: 450 से ज्यादा घुसपैठियों को सीधे बॉर्डर पार, CM हिमंता ने Country Roads गाने की लाइन से दी खबर
भारत में सीमाओं की सुरक्षा और घुसपैठ पर नियंत्रण के लिए कई तरह की नीतियां अपनाई जाती हैं, जिनमें से पुशबैक पॉलिसी एक अहम भूमिका निभाती है. यह पॉलिसी मूल रूप से उन अवैध प्रवासियों या घुसपैठियों को वापस लौटाने की प्रक्रिया है, जो बिना अनुमति के सीमा पार करते हैं. हाल ही में सामने आई रिपोर्टों के अनुसार, इस पॉलिसी के कारण लगभग 450 से अधिक घुसपैठियों को सीधे बॉर्डर पार करने का मौका मिला है.;
असम सरकार ने हाल ही में अवैध घुसपैठियों के खिलाफ अपनी “पुशबैक” नीति को और सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस नीति की जानकारी एक अनोखे और प्रतीकात्मक अंदाज़ में दी. उन्होंने एक मशहूर अंग्रेजी गाने की लाइन का ज़िक्र करते हुए बताया कि अब तक 450 से अधिक अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा जा चुका है. सरकार का यह कदम राज्य की सुरक्षा और सामाजिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है.
मुख्यमंत्री सरमा के इस बयान से साफ है कि असम सरकार अवैध घुसपैठ के मसले पर बेहद सख्त रुख अपना रही है और भविष्य में इस नीति को और कठोर बनाए जाने की संभावना है. पुशबैक रणनीति के तहत राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा रही है और अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान कर उन्हें तुरंत देश की सीमा के बाहर भेजा जा रहा है. इस नीति को लेकर राज्य में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चाएं तेज़ हो गई हैं
33 नए अवैध घुसपैठियों को वापस भेजा
शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि असम पुलिस ने हाल ही में 33 और अवैध घुसपैठियों को बांग्लादेश भेज दिया है. इस बार उन्होंने अपनी बात को अनोखे अंदाज़ में पेश किया और मशहूर अंग्रेजी गाने 'कंट्री रोड्स' की एक लाइन को नया रूप देते हुए लिखा 'असम पुलिस मुझे मेरे घर ले गई, जहां मैं रहना चाहता हूं.'
यह पोस्ट सिर्फ एक सूचना नहीं थी, बल्कि यह भी संकेत था कि असम सरकार अब अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर पूरी तरह सख्त हो चुकी है. मुख्यमंत्री के इस अंदाज़ ने साफ कर दिया कि राज्य सरकार अवैध प्रवासियों के खिलाफ किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतेगी और यह अभियान आगे भी पूरी गंभीरता से जारी रहेगा.
कहां से हो रही है कार्रवाई?
हाल के महीनों में अधिकांश पुशबैक अभियान असम के श्रीभूमि जिले से संचालित हो रहे हैं, जो बांग्लादेश की सीमा के पास स्थित है. अधिकारियों के मुताबिक, 16 अगस्त को भी इसी इलाके से रात के समय 21 घुसपैठियों को सीमा पार वापस भेजा गया था. सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई सीधे सीमा पार भेजने की नीति के तहत की जाती है, जिससे लंबी कानूनी प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं पड़ती. इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि अवैध घुसपैठ को रोकने में भी अधिक प्रभाव दिखाई देता है.
BSF और पुलिस की सतर्कता
घटना के बाद सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-बांग्लादेश की 1,885 किलोमीटर लंबी सीमा पर निगरानी को और कड़ा कर दिया है. पिछले साल बांग्लादेश में हुई राजनीतिक अस्थिरता के चलते इस तरह की सतर्कता अब पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गई है. साथ ही, असम पुलिस भी पूरी तरह सतर्क है और लगातार चौकसी बरत रही है ताकि कोई नया घुसपैठिया राज्य में प्रवेश न कर सके.
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री सरमा ने लोगों से भी अपील की है कि वे अपने इलाकों में सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें. उन्होंने “नो-कॉम्प्रोमाइज” नीति पर ज़ोर देते हुए कहा कि राज्य की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.