असम में गौमांस पर पूर्ण प्रतिबंध, जानें सीएम ने क्यों लिया ये फैसला
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि पहले हमारा फैसला मंदिरों के आसपास बीफ पर रोक लगाने तक सीमित था, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. इसका मतलब है कि कोई भी सामुदायिक या सार्वजनिक स्थल, होटल या रेस्टोरेंट में बीफ नहीं परोसा जायेगा.;
असम में अब किसी भी होटल या रेस्टोरेंट में बीफ परोसने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा, किसी भी सार्वजनिक आयोजन या फंक्शन में बीफ से जुड़ी डिशेज परोसने पर भी रोक लगा दी गई है. हिमंता बिस्वा सरमा सरकार ने बुधवार को इस प्रतिबंध की घोषणा की.
दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि पहले हमारा फैसला मंदिरों के आसपास बीफ पर रोक लगाने तक सीमित था, लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है. इसका मतलब है कि कोई भी सामुदायिक या सार्वजनिक स्थल, होटल या रेस्टोरेंट में बीफ नहीं परोसा जायेगा.
फैसले का स्वागत करें या पाकिस्तान जाएं
असम सरकार में मंत्री पीजूष हजारिका ने इस फैसले पर कहा है कि मैं असम कांग्रेस को चैलेंज करता हूं कि वे या तो इस फैसले का स्वागत करें या फिर पाकिस्तान जाएं.
कांग्रेस ने लगाया था आरोप
असम सरकार ने एक बड़ा फैसला ऐसे समय पर लिया है, जब राज्य में गोमांस को लेकर सियासी बहस तेज हो गई है. हाल ही में बीजेपी पर आरोप लगा था कि सामगुड़ी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान गोमांस का वितरण किया गया. यह सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र में स्थित है और उपचुनाव में बीजेपी ने यहां जीत हासिल की थी.
इन आरोप-प्रत्यारोप के बीच असम के मुख्यमंत्री ने बयान दिया था कि यदि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा उन्हें गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का लिखित अनुरोध करें, तो वे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगा देंगे.