50 साल पुराने असम-मेघालय सीमा विवाद पर बड़ी सफलता, पहले सीमा स्तंभ की स्थापना; 6 में से 1 क्षेत्र में समाधान लागू

असम और मेघालय के बीच लंबे समय से चले आ रहे सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. दोनों राज्यों के बीच हुए 2022 के समझौते के तहत पहले विवादित क्षेत्र में पहला सीमा स्तंभ स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे 'शांति और स्पष्टता का स्तंभ' बताते हुए कहा कि अब प्रशासन और नागरिकों को स्पष्ट सीमा मिलेगी. यह पहल शासन, विकास और आपसी विश्वास को मजबूत करने का संकेत है.;

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Edited By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 5 July 2025 12:10 AM IST

Assam Meghalaya border dispute: असम और मेघालय के बीच दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, शुक्रवार (5 जुलाई) को दोनों राज्यों की अंतरराज्यीय सीमा पर एक विवादित क्षेत्र में पहला सीमा स्तंभ (Boundary Pillar) स्थापित कर दिया गया है. इसकी घोषणा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने की. 

सीएम सरमा ने इस पहल को 'स्पष्टता और शांति के स्तंभ' बताते हुए कहा कि ये अब तक के 'ग्रे एरिया' में सुशासन और स्थिरता की नींव रखेंगे. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "2022 में हुए ऐतिहासिक समझौते की जमीनी शुरुआत अब इन स्तंभों के जरिए हो रही है." हालांकि उन्होंने अभी तक सटीक स्थान का खुलासा नहीं किया है.

50 साल पुराना विवाद

सीएम सरमा ने कहा कि 1972 में जब मेघालय को असम से अलग राज्य का दर्जा मिला, तब सीमा का बड़ा हिस्सा अस्पष्ट छोड़ दिया गया था। इससे समय-समय पर दोनों राज्यों के बीच तनाव और भ्रम की स्थिति बनी रहती थी,  लेकिन 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दोनों राज्यों ने दिल्ली में एक ऐतिहासिक एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए थे. 

12 में से 6 क्षेत्र सुलझे

सीएम सरमा के अनुसार, 12 विवादित क्षेत्रों में से 6 क्षेत्रों में समाधान हो चुका है और अब इन क्षेत्रों में स्पष्ट सीमा-रेखा तय करने का काम प्रारंभ हो गया है. पहला स्तंभ उसी का प्रमाण है. उन्होंने कहा, "अब लोगों और प्रशासन को स्पष्ट रूप से पता है कि कौन-सा इलाका किसके अधिकार क्षेत्र में आता है. इससे इन क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्य और विकास को नई गति मिलेगी." 

पिलिंगकाटा पर मतभेद

हाल ही में 2 जून को असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि स्वतंत्रता दिवस तक 5 क्षेत्रों में सीमा स्तंभ स्थापित कर दिए जाएंगे. छठे क्षेत्र 'पिलिंगकाटा' को लेकर दोनों राज्यों की व्याख्या में मतभेद है, जिसे स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर बातचीत से सुलझाया जाएगा.

बाकी 6 क्षेत्रों पर चर्चा जारी

दोनों राज्यों ने बाकी 6 विवादित क्षेत्रों पर भी बातचीत जारी रखने का फैसला किया है, हालांकि इसके लिए अभी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है. गौरतलब है कि असम और मेघालय के बीच 884.9 किलोमीटर लंबी अंतरराज्यीय सीमा है. 2022 के समझौते के पहले चरण में 36.79 वर्ग किलोमीटर विवादित क्षेत्र को लेकर समाधान हुआ, जिसमें असम को 18.46 वर्ग किलोमीटर और मेघालय को 18.33 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र मिला. मेघालय 1971 के असम पुनर्गठन अधिनियम को अपनी सीमाओं के लिए मान्यता नहीं देता, जबकि असम उसी को आधार मानता है.

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