कौन हैं दिव्या देशमुख, जिन्होंने कोनेरु हम्पी को हराकर जीता FIDE Women’s World Cup 2025? बनीं भारत की चौथी महिला GM

दिव्या देशमुख ने महज 19 साल की उम्र में फिडे विमेंस वर्ल्ड कप 2025 जीतकर इतिहास रच दिया. उन्होंने फाइनल में भारत की नंबर 1 खिलाड़ी कोनेरु हम्पी को रैपिड टाईब्रेक में हराया. इस जीत के साथ उन्होंने अपना अंतिम ग्रैंडमास्टर नॉर्म पूरा किया और भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बन गईं. नागपुर की रहने वाली दिव्या ने कम उम्र में ही आक्रामक खेल और बेहतरीन रणनीति से वैश्विक शतरंज जगत में अपनी अलग पहचान बनाई है.;

( Image Source:  X/airnewsalerts )
By :  अच्‍युत कुमार द्विवेदी
Updated On : 28 July 2025 5:05 PM IST

Who is Divya Deshmukh: भारतीय शतरंज के इतिहास में उस समय एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया, जब 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने फिडे विमेंस वर्ल्ड कप 2205 (𝐅𝐈𝐃𝐄 𝐖𝐨𝐦𝐞𝐧'𝐬 𝐖𝐨𝐫𝐥𝐝 𝐂𝐮𝐩 𝟐𝟎𝟐𝟓) का खिताब जीत लिया. जॉर्जिया के बातूमी में हुए फाइनल मुकाबले में उन्होंने भारत की नंबर 1 खिलाड़ी और मौजूदा वर्ल्ड रैपिड चैंपियन कोनेरु हम्पी को रैपिड टाईब्रेक में हराकर यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की.

दिव्या, जो टूर्नामेंट में 15वीं सीड के रूप में उतरी थीं, ने कई दिग्गज खिलाड़ियों को मात देते हुए फाइनल तक का सफर तय किया. फाइनल के दोनों क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहने के बाद फैसला रैपिड टाईब्रेक में हुआ. पहले रैपिड गेम में दिव्या ने सफेद मोहरों से संतुलित खेल दिखाते हुए ड्रॉ कराया, लेकिन दूसरे गेम में, जहां वह काले मोहरों से खेल रही थीं, उन्होंने जबरदस्त आत्मविश्वास और धैर्य दिखाया.

दिव्या ने हम्पी की गलतियों का उठाया पूरा फायदा

38 वर्षीय हम्पी समय की कमी के दबाव में एंडगेम में कुछ निर्णायक गलतियां कर बैठीं, जिनका दिव्या ने पूरा फायदा उठाया और जीत को अपने नाम कर लिया. इस जीत के साथ ही दिव्या न केवल फिडे विमेंस वर्ल्ड कप चैंपियन बनीं, बल्कि उन्होंने अपना अंतिम ग्रैंडमास्टर (GM) नॉर्म भी पूरा कर लिया. अब वह आधिकारिक रूप से ग्रैंडमास्टर बनने वाली चौथी भारतीय महिला और 88वीं भारतीय खिलाड़ी बन चुकी हैं.

दिव्या की यह सफलता इसलिए भी प्रेरणादायी है, क्योंकि वह इस टूर्नामेंट की टॉप फेवरिट्स में नहीं थीं, फिर भी उन्होंने साहसी आक्रामक शैली और गहरी तैयारी से कई उच्च रेटेड खिलाड़ियों को हराया. उनका यह प्रदर्शन भारतीय शतरंज की युवा पीढ़ी के वैश्विक मंच पर उभरने का प्रतीक है. सिर्फ 19 साल की उम्र में वर्ल्ड कप जीतकर दिव्या देशमुख ने इतिहास रच दिया है और शतरंज की दुनिया में भारत की एक नई उम्मीद के रूप में उभरी हैं, जिनसे आने वाले वर्षों में और भी बड़ी उपलब्धियों की उम्मीद की जा रही है.

दिव्या देशमुख कौन हैं?

दिव्या देशमुख एक भारतीय अंतरराष्ट्रीय मास्टर (IM) और वुमन ग्रैंडमास्टर (WGM) हैं. उनका जन्म नागपुर में   9 दिसंबर 2005 को हुआ. उन्होंने चार साल से शतरंज खेलना शुरू किया, 2013 में सबसे युवा विमेंस फिडे मास्टर बनीं. 2021 में भारत की 21वीं महिला ग्रैंडमास्टर बनीं, और 2023 में IM की उपाधि प्राप्त की. 2022 में महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप जीती और 2023 में एशियाई महिला चैंपियनशिप तथा 2024 में वर्ल्ड U‑20 गर्ल्स चैम्पियनशिप जीतीं. 2024 की शतरंज ओलिंपियाड में टीम गोल्ड और व्यक्तिगत गोल्ड (बोर्ड 3) medals जीते, साथ ही World Junior title भी हासिल किया.

हाल ही में, उन्होंने 2025 में Batumi, जॉर्जिया में फीडे विमेंस वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर कोनेरु हम्पी को रैपिड टाईब्रेक में हराया और साथ ही अंतिम ग्रैंडमास्टर (GM) नॉर्म पूरा कर दिया, जिससे वह भारत की चौथी महिला और कुल मिलाकर 88वीं भारतीय ग्रैंडमास्टर बन गईं.

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