BGT जीतने पर से भी ज्यादा क्रेडिट..., ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर के बयान ने मचाई खलबली
BGT: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होने बॉर्डर ट्रॉफी को लेकर अभी से दर्शकों में उत्साह देखने को मिल रहा है. दोनों देशों के लिए यह सीरीज बहुत ही महत्वपूर्ण होने वाली है.;
भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर लगातार दो बार टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज की है, जिससे टीम का मनोबल बेहद ऊंचा है. टीम इंडिया अब एक बार फिर से उसी साहस के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे की तैयारी में है, जहां 22 नवंबर से शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में वो जीत की हैट्रिक बनाना चाहेगी. इस बार की श्रृंखला भारतीय टीम के लिए काफी कठिन मानी जा रही है, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम अपनी जमीन पर हर बार भारत को चुनौती देती आई है. 2020-21 के ऐतिहासिक दौरे में भारतीय टीम ने जिस तरह से गाबा में अंतिम टेस्ट मैच में तीन विकेट से जीत हासिल की, वह क्रिकेट प्रेमियों के दिल में बसा हुआ है. उस मुकाबले में ऋषभ पंत की शानदार पारी ने भारत को विजय दिलाई थी और वह मैच वाकई रोमांच से भरा हुआ था.
टिम पेन ने अपने बयान से मचाई खलबली
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान टिम पेन ने एक अलग राय जाहिर की है. पेन का मानना है कि भले ही पंत की पारी को हीरो के तौर पर देखा गया हो, लेकिन उस सीरीज की असली 'हीरो' चेतेश्वर पुजारा थे. पेन ने ग्रेड क्रिकेटर्स पॉडकास्ट पर कहा, "लोग ऋषभ पंत की बात करते हैं, लेकिन असल में चेतेश्वर पुजारा ने भारत को वह सीरीज जिताई थी. उनके संयम और साहस ने हमें और हमारे गेंदबाजों को हिला कर रख दिया था. उन्होंने अपनी बॉडी पर गेंदें झेली और फिर भी क्रीज पर खड़े रहे. टेस्ट क्रिकेट में इस तरह की प्रतिबद्धता का अपना एक अलग स्थान है."
2020-21 के दौरे की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में, भले ही पुजारा ने कोई शतक न लगाया हो, लेकिन उनका योगदान बहुत महत्वपूर्ण था. पुजारा ने क्रीज पर लंबा समय बिताया, जिससे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की थकान साफ नजर आई. पेन की बातों का आशय था कि पंत की आक्रामक पारी ने जहां मैच के अंतिम क्षणों में रोमांच पैदा किया, वहीं पुजारा ने मैच को गहराई तक ले जाने का काम किया. पुजारा को बाउंसर और तेज गेंदों से कई बार चोट लगी, लेकिन उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा और टीम का मनोबल ऊंचा बनाए रखा. इस सीरीज में पुजारा ने 271 रन बनाए थे, जबकि पंत ने 274 रन. हालांकि, पेन की नजर में पुजारा के रन से ज्यादा उनकी क्रीज पर मौजूदगी ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की ऊर्जा को कम किया और उन्हें मानसिक रूप से थका दिया.