‘अपने तरीके से फेल या पास होना चाहता हूं’, बांग्लादेश के खिलाफ रिकॉर्ड शतक जड़ने वाले संजू सैमसन
Sanju Samson: संजू सैमसन का यह शतक उनके करियर का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है. उन्होंने अपनी पारी से न सिर्फ अपनी क्षमता को साबित किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि वह टीम इंडिया के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं. उनका कहना है कि वे अपने तरीके से खेलना चाहते हैं, चाहे वह सफल हो या असफल. इस मानसिकता के साथ, सैमसन भविष्य में और भी बड़ी पारियां खेलने के लिए तैयार हैं.;
Sanju Samson: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज संजू सैमसन ने शनिवार को बांग्लादेश के खिलाफ अपने करियर का पहला टी20 शतक जड़कर टीम प्रबंधन के विश्वास को सही साबित किया. उन्होंने 47 गेंदों पर शानदार 111 रन बनाकर भारत को बांग्लादेश के खिलाफ 133 रनों से बड़ी जीत दिलाई. यह शतक सिर्फ उनके करियर का मील का पत्थर नहीं था, बल्कि उनके आक्रामक और आत्मविश्वासी खेल की झलक भी थी, जिसके जरिए उन्होंने खुद को भारतीय टीम में बनाए रखने की कोशिश की है.
मौके और चुनौतियां
संजू सैमसन को भारतीय टीम में लगातार मौके मिले, लेकिन वो अपनी जगह पक्की करने में असफल रहे. 33 टी20 मैचों में उन्होंने 594 रन बनाए हैं, जिसमें सिर्फ दो अर्धशतक थे. इस शतक से पहले, उनकी टी20 करियर की स्थिति कुछ खास नहीं थी. भारत के श्रीलंका दौरे के दौरान, सैमसन दूसरी और तीसरी टी20 मैच में शून्य पर आउट हो गए थे. उनके करियर में कई बार असफलताएं आईं, लेकिन इस बार सैमसन ने दिखा दिया कि वह बड़े मैचों के खिलाड़ी हैं.
सैमसन ने कहा, "इस खेल में, असफलता ज्यादा और सफलता कम होती है. यह मानसिकता पर निर्भर करता है कि आप किस तरह से खेलते हैं. आपको आक्रामक रहना होता है, स्कोरिंग विकल्पों को देखना होता है. आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के अनुभव ने मुझे दबाव और असफलताओं से निपटना सिखाया है."
स्पष्टता और आत्मविश्वास
टीम प्रबंधन की ओर से सैमसन को उनके रोल के बारे में पहले से जानकारी देने का फायदा मिला. उन्होंने बताया कि उन्हें तीन हफ्ते पहले ही बता दिया गया था कि इस सीरीज में वे ओपन करेंगे. इसके बाद उन्होंने राजस्थान रॉयल्स एकेडमी में नए गेंदबाजों के खिलाफ खूब अभ्यास किया, जिसका नतीजा उनके खेल में साफ दिखा. उन्होंने कहा, "इस तैयारी ने मुझे बहुत मदद की. मैं अब अपने खेल को बेहतर समझता हूं. मुझे अपने तरीके से सफल या असफल होना पसंद है."
सैमसन का यह बयान उनकी मानसिकता को दर्शाता है कि वो मैदान पर खुद को साबित करने के लिए तैयार हैं, चाहे परिणाम जो भी हो. उन्होंने कहा, "मैं बस अपने आप को सही साबित करना चाहता हूं. यही मेरे खेल का आधार है, और मैं इसे शुरू से ही फॉलो करता आ रहा हूं."
बांग्लादेश के खिलाफ विस्फोटक पारी
बांग्लादेश के खिलाफ सैमसन की आक्रामकता शुरू से ही दिखी. दूसरे ओवर में, उन्होंने तस्किन अहमद के खिलाफ लगातार चार चौके लगाकर मैच का टोन सेट किया. लेकिन, दसवें ओवर में रिषाद हुसैन के खिलाफ लगातार पांच छक्के लगाकर मैच का पूरा रुख बदल दिया. सैमसन ने अपनी क्षमता का पूरा प्रदर्शन किया और दिखाया कि स्पिनरों के खिलाफ वह कितने खतरनाक हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि मैं एक स्पिनर के खिलाफ क्या कर सकता हूं. पिछले एक-दो सालों से मैं सोच रहा था कि मैं एक ओवर में छह छक्के मार सकता हूं. मैं उसी के अनुसार अपने कोचों और मेंटर्स के साथ काम कर रहा हूं."
बांग्लादेश के बल्लेबाज तौहीद ह्रिदॉय, जिन्होंने नाबाद 63 रन बनाए, ने स्वीकार किया कि उनकी टीम भारत के सामने कहीं नहीं टिक सकी और सभी विभागों में कमजोर साबित हुई. भारतीय टीम के हरफनमौला प्रदर्शन के सामने बांग्लादेश ने हार मान ली और संजू सैमसन की विस्फोटक पारी ने इस हार में निर्णायक भूमिका निभाई.