साई सुदर्शन ने कंगारुओं के खिलाफ शतक जड़कर उड़ाया गर्दा, इंडिया A के लिए बने संकटमोचक
इस मैच में साई के साथ-साथ देवदत्त पडिक्कल ने भी दूसरी पारी में महत्वपूर्ण 88 रन बनाकर टीम को मजबूती प्रदान की. पडिक्कल और सुदर्शन की इस साझेदारी ने भारत की वापसी की उम्मीदें बनाए रखीं और मैच को एक रोमांचक स्थिति में पहुंचा दिया.;
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की इंडिया ए टीम और ऑस्ट्रेलिया ए टीम के बीच चल रही अनाधिकारिक टेस्ट सीरीज का पहला मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच चुका है. इस मैच में भारतीय टीम की मुश्किल घड़ी में युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन ने शानदार शतक लगाकर टीम को संभाला. उनकी इस पारी ने भारतीय खेमे को न सिर्फ आत्मविश्वास दिया, बल्कि मैच में वापसी करने का मौका भी दिलाया.
पहली पारी में भारतीय टीम महज 107 रनों पर सिमट गई थी, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया ए ने 195 रन बनाकर 88 रनों की बढ़त हासिल कर ली थी. ऐसे कठिन समय में साई सुदर्शन ने दूसरी पारी में मोर्चा संभालते हुए 192 गेंदों पर शतक पूरा किया और 200 गेंदों में 103 रनों की धैर्यपूर्ण पारी खेली. अपनी इस पारी में उन्होंने 9 शानदार चौके भी लगाए, जो उनके फोकस और दृढ़ता का परिचायक थे.
यह शतक साई सुदर्शन के फर्स्ट क्लास करियर का 7वां शतक है, जो उनकी निरंतरता और प्रतिभा को दर्शाता है. इससे पहले वह रणजी ट्रॉफी और काउंटी क्रिकेट में भी अपनी मजबूत बल्लेबाजी का प्रदर्शन कर चुके हैं. उनके इस उम्दा प्रदर्शन के बाद क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा तेज हो गई है कि उन्हें जल्द ही भारतीय राष्ट्रीय टीम में मौका मिलना चाहिए, खासकर जब भारत के घरेलू टेस्ट सीरीज में बल्लेबाजों का प्रदर्शन अपेक्षित स्तर पर नहीं रहा है.
साई सुदर्शन का यह शतक भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण संकेत है, और अगर दूसरे टेस्ट में भी उनका बल्ला इसी तरह से चलता रहा, तो भारतीय कप्तान रोहित शर्मा उन्हें ऑस्ट्रेलिया में आगामी सीरीज में ही रोकने पर विचार कर सकते हैं.