पहले IPL ऑक्शन में हुए फेल अब बीच मैदान में पृथ्वी शॉ के साथ हो गया खेल

Prithvi Shaw : पृथ्वी शॉ के लिए यह समय आत्ममंथन का है. उनकी प्रतिभा पर किसी को शक नहीं, लेकिन फिटनेस, प्रदर्शन और विवादों से पार पाना उनके लिए बेहद जरूरी है. घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन के जरिए वह एक बार फिर अपनी पहचान बना सकते हैं, बशर्ते वह अपनी कमजोरियों पर काम करें. क्रिकेट जगत और उनके प्रशंसकों को उम्मीद है कि वह जल्द ही इन चुनौतियों को पार कर मैदान पर अपनी पुरानी चमक दिखाएंगे.;

Prithvi Shaw

भारतीय क्रिकेट के युवा स्टार पृथ्वी शॉ, जिन्हें कभी भविष्य का बड़ा खिलाड़ी माना जाता था, आज अपने करियर के सबसे नाजुक दौर से गुजर रहे हैं. आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में उनके नाम पर किसी टीम ने बोली नहीं लगाई. 75 लाख रुपये के बेस प्राइस वाले पृथ्वी शॉ को इस बार कोई खरीददार नहीं मिला. एक समय शानदार प्रतिभा के मालिक माने जाने वाले पृथ्वी शॉ का क्रिकेट करियर अब खतरे में नजर आ रहा है. हाल ही में उन्हें मुंबई की रणजी टीम से भी बाहर किया गया था, जो उनके संघर्षों को और गहरा बनाता है.

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में भी निराशा

पृथ्वी शॉ से उम्मीद थी कि आईपीएल ऑक्शन में अनसोल्ड रहने के बाद वह घरेलू क्रिकेट में शानदार वापसी करेंगे. लेकिन सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में उनका प्रदर्शन निराशाजनक ही रहा. महाराष्ट्र के खिलाफ खेले गए मैच में शॉ बिना खाता खोले ही आउट हो गए. उन्होंने सिर्फ तीन गेंदों का सामना किया और पहले ही ओवर में अपना विकेट गंवा दिया.

यह उनका इस टूर्नामेंट में दूसरा मैच था. इससे पहले गोवा के खिलाफ खेले गए मैच में भी उनका प्रदर्शन औसत रहा. उन्होंने 22 गेंदों में 33 रन बनाए थे, जिसमें पांच चौके और एक छक्का शामिल था. उनकी लगातार खराब फॉर्म और फिटनेस पर उठ रहे सवाल उनके करियर के लिए गंभीर संकेत हैं.

फिटनेस और विवादों के घेरे में शॉ

पृथ्वी शॉ का करियर मैदान से ज्यादा विवादों और फिटनेस की समस्याओं के कारण सुर्खियों में रहा है. 2019 में डोपिंग टेस्ट में फेल होने के कारण बीसीसीआई ने उन्हें आठ महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था. इसके बाद 2023 में मुंबई के एक होटल में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल और उनके दोस्तों के साथ हुए विवाद ने उनकी छवि को और धूमिल कर दिया.

अतीत की चमक, वर्तमान की चुनौतियां

पृथ्वी शॉ ने 18 साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में शतक लगाकर अपनी काबिलियत साबित की थी. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब भी जीता था. लेकिन सफलता का यह सफर अब मुश्किलों से घिर गया है. उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जुलाई 2021 में श्रीलंका के खिलाफ था, जिसके बाद से वह भारतीय टीम में वापसी नहीं कर पाए हैं.

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