इंग्लैंड क्रिकेट बना रहा बेवकूफ: IPL मालिकों को ललित मोदी की चेतावनी
आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया है जिससे वह लाइमलाइट में आ गए हैं।;
2008 में इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल की खोज करने वाले ललित मोदी एक बार फिर सुर्खियों में है। ललित आईपीएल के पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं। वहीं, अब उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को लेकर हैरान करने वाला बयान दिया है जिससे वह लाइमलाइट में आ गए। ललित मोदी ने आईपीएल टीमों के मालिक को चेतावनी दी है।
इन्वेस्ट करने वालों को किया वॉर्न
ललित मोदी ने इंग्लैंड की 'द हंड्रेड' क्रिकेट लीग में इन्वेस्ट करने वालों को वॉर्न किया है। उन्होंने क्रिकबज से कहा, 'वे उस टूर्नामेंट के बारे में बहुत चर्चा और उत्साह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जो वास्तव में उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना वे दिखा रहे हैं।' बता दें, ईसीबी (इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड) 'द हंड्रेड' लीग में मौजूद 8 टीमों की लगभग 100% हिस्सेदारी बेचकर इसे प्राइवेट करने की कोशिश कर रहा है। मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स, लखनऊ सुपर जायंट्स, दिल्ली कैपिटल्स, सनराइजर्स हैदराबाद और राजस्थान रॉयल्स जैसे आईपीएल फ्रेंचाइजी के मालिक इस लीग में हिस्सा खरीदने की इच्छा जता रहे हैं। 'द हंड्रेड' में अब तक 4 सीजन हो चुके हैं। इस लीग में बर्मिंघम फीनिक्स, लंदन स्पिरिट, मैनचेस्टर ओरिजिनल्स, नॉर्दर्न सुपरचार्जर्स, ओवल इनविंसिबल्स, सदर्न ब्रेव, ट्रेंट रॉकेट्स और वेल्स फायर हैं।
ईसीबी को मीडिया राइट्स से होगा फायदा?
ईसीबी ने मीडिया अधिकार सौदों से होने वाली आय में काफी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है। उदाहरण के तौर पर, इंग्लैंड बोर्ड अगले साल से 2028 तक 1.8 मिलियन पाउंड (लगभग 20 करोड़ रुपये) कमाने की उम्मीद कर रहा है। वे 2029 में इस आय में 800% से अधिक की वृद्धि देख रहे हैं, जब भारत के बाजार से अनुमानित आय 15 मिलियन पाउंड (लगभग 160 करोड़ रुपये) होगी। हालांकि, भारतीय पुरुष खिलाड़ी 'द हंड्रेड' में नहीं खेलते हैं लेकिन भारतीय महिला खिलाड़ी इसमें खेलती हैं।
लोगों को बना रहे हैं बेवकूफ
ललित मोदी ने इन अनुमानों (खासकर विदेश में) पर गंभीर आपत्ति जताई। उन्होंने क्रिकबज से कहा, 'वे लोगों को इस तरह बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इंटरनेशनल राइट्स का कोई मूल्य नहीं है। अगर आप उस आंकड़े को हटा दें तो प्रायोजन वृद्धि भी खत्म हो जाएगी। जहां तक मेरा सवाल है, अंतरराष्ट्रीय बाजार पूरी तरह से धोखा है।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर आप सभी अन्य लीग को देखें तो उनमें से कोई भी विदेशी बाजारों से कोई रेवन्यू अर्जित करने में सक्षम नहीं है- चाहे वह SA20 (दक्षिण अफ्रीका में), बिग बैश (ऑस्ट्रेलिया में), ILT20 (यूएई में) या कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) हो।' उन्होंने आगे बताया कि पहले 3 सालों के लिए आईपीएल को विदेशी बाजारों में मुफ्त में दिया गया था।