अपने ही बोर्ड के खिलाफ हुए इंग्लैंड के खिलाड़ी, ECB पर ठोकेंगे मुकदमा?

ECB और खिलाड़ियों के बीच यह टकराव इंग्लैंड क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है. जहां एक तरफ बोर्ड घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता देने की कोशिश कर रहा है, वहीं खिलाड़ियों का मानना है कि उनके अधिकारों की अनदेखी की जा रही है. यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसका भविष्य में इंग्लैंड क्रिकेट पर क्या प्रभाव पड़ता है.;

England Players
By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 30 Nov 2024 12:08 PM IST

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) और खिलाड़ियों के बीच हालिया विवाद ने क्रिकेट जगत का ध्यान खींचा है. ECB द्वारा लागू की गई नई नीति के कारण कई इंग्लिश खिलाड़ी अपने ही बोर्ड के खिलाफ खड़े हो गए हैं. इस नीति के तहत खिलाड़ियों को पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) समेत अन्य विदेशी लीग में खेलने की अनुमति नहीं दी गई. खिलाड़ियों ने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है.

खिलाड़ियों ने उठाई आवाज

ECB के फैसले से असंतुष्ट खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) से जुड़ी इस नई नीति की कोई जानकारी नहीं दी गई थी. उन्होंने बोर्ड से आपातकालीन बैठक बुलाने की मांग की है ताकि इस मामले पर चर्चा हो सके.

इस विवाद में मुख्य रूप से वही खिलाड़ी शामिल हैं, जिनके पास ECB का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं है या जो केवल काउंटी क्रिकेट के व्हाइट-बॉल फॉर्मेट से जुड़े हुए हैं. उनका मानना है कि यह नीति उनके विदेशी लीग में खेलने के अवसरों को सीमित कर सकती है. इससे न केवल उनका आर्थिक नुकसान होगा, बल्कि करियर पर भी असर पड़ेगा.

कानूनी कदम उठाने की तैयारी

इस मामले में प्रोफेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (PCA) खिलाड़ियों के साथ खड़ी है. PCA के अंतरिम चीफ एग्जिक्यूटिव डैरिल मिचेल ने पुष्टि की है कि लीगल टीम ECB की नई नीति की जांच कर रही है. उनका कहना है कि यदि यह नीति खिलाड़ियों के हितों के खिलाफ पाई गई, तो इसे कानूनी रूप से चुनौती दी जाएगी.

ECB का पक्ष

ECB के चीफ एग्जिक्यूटिव रिचर्ड गोल्ड ने नई नीति का बचाव करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य घरेलू क्रिकेट को मजबूत बनाना है. उन्होंने स्पष्ट किया कि खिलाड़ी तभी विदेशी लीग में भाग ले सकते हैं, जब यह इंग्लैंड की घरेलू प्रतियोगिताओं जैसे T20 ब्लास्ट और द हंड्रेड के कार्यक्रम में बाधा न बने.

गौरतलब है कि इस नियम से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को बाहर रखा गया है. इसके पीछे कारण है कि IPL का शेड्यूल इंग्लैंड की घरेलू लीग से नहीं टकराता. वहीं, PSL, अमेरिका की मेजर लीग क्रिकेट, कनाडा की ग्लोबल T20 लीग और श्रीलंका प्रीमियर लीग का शेड्यूल इंग्लिश टूर्नामेंट्स से क्लैश कर सकता है.

खिलाड़ियों का क्या कहना है?

खिलाड़ियों का मानना है कि बोर्ड ने यह फैसला बिना उनकी सहमति या विचार-विमर्श के लिया है. व्हाट्सएप ग्रुप्स और अन्य माध्यमों से खिलाड़ी अपनी रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. उनका कहना है कि ECB का यह कदम उनके करियर के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

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