IND Vs BAN: पिता-भाई को खोया, अब क्रिकेट में कहर बरपा रहे हैं आकाश दीप

आकाश दीप बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में अपनी गेंदबाजी से धमाल मचा रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को बांग्लादेश की पहली पारी में लगातार 2 गेंद पर 2 विकेट झटके।;

भारत के आकाश दीप बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में अपनी गेंदबाजी से धमाल मचा रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को बांग्लादेश की पहली पारी में लगातार 2 गेंद पर 2 विकेट झटके। अपने दूसरे ओवर और बांग्लादेश की पारी के 9वें ओवर यानी लंच से ठीक पहले वाले ओवर में लगातार 2 गेंद पर जाकिर हसन और मोमिनुल हक को आउट किया। आकाश ने 9वें ओवर की पहली गेंद पर जाकिर और फिर दूसरी गेंद पर मोमिनुल को क्लीन बोल्ड किया। जाकिर ने 3 रन बनाए जबकि मोमिनुल खाता भी नहीं खोल सके। आकाश का यह सिर्फ दूसरा टेस्ट मैच है। उन्होंने इसी साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यू किया था और अपनी गेंदबाजी से इंग्लिश टीम को खूब परेशान किया था। उनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन जारी है। हालांकि, आकाश दीप के लिए यह सफर इतना आसान नहीं रहा है। आइए जानते हैं उनके संघर्ष की कहानी...

इंग्लैंड के खिलाफ किया था डेब्यू

27 साल के आकाश दीप ने इंग्लैंड के खिलाफ इसी साल फरवरी-मार्च में 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के चौथे मुकाबले में उतरते ही कमाल कर दिया था। उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में शुरुआती 3 विकेट लेकर धमाल मचा दिया था। आकाश को अनुभवी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की जगह खेलने का मौका मिला था। आकाश ने कप्तान रोहित शर्मा के भरोसे को सही साबित किया और यादगार प्रदर्शन किया।

आकाश के लिए आसान नहीं रहा सफर

आकाश के लिए राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का सफर आसान नहीं रहा। मूलरूप से बिहार के रहने वाले इस खिलाड़ी ने अपने जीवन में संघर्ष के कई दौर देखे हैं। कभी पिता-भाई के निधन ने तोड़ा तो कभी आर्थिक तंगी के कारण क्रिकेट छोड़ना पड़ा। आकाश के पिता उन्हें सरकारी नौकरी करते देखना चाहते थे। उन्होंने कई परीक्षाएं भी दीं लेकिन उनके मन में हमेशा क्रिकेट चल रहा था। पढ़ाई में ज्‍यादा मन नहीं लगता था। वह क्रिकेट के लिए ज्यादा समय निकालते थे।

बचपन में लोग सुनाते थे ताने

आकाश ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि लोग बचपन में उन्हें ताने सुनाते थे। यहां तक कि दोस्तों के घरवाले भी उनकी बुराई करते थे। अपने बच्चों को उनसे दूर रहने की सलाह देते थे। भारतीय तेज गेंदबाज ने बताया कि लोग यह कहते थे कि आकाश से दूर रहो। उसकी संगत में रहकर बिगड़ जाओगे। हालांकि, आकाश अब किसी की आलोचना नहीं करते हैं।

सबसे कठिन रहा साल 2015

आकाश के लिए 2015 उनके जीवन का सबसे कठिन साल रहा। उन्होंने 6 महीने के अंदर अपने पिता और भाई दोनों को खो दिया था। पिता का निधन स्ट्रोक के कारण हुआ था। वहीं, 2 महीने बाद उनके भाई ने भी दुनिया छोड़ दी। आकाश के घर में पैसे नहीं थे। उन्हें अपनी मां की देखभाल करनी थी। इस कारण उन्होंने क्रिकेट को 3 साल के लिए छोड़ दिया था। बाद में आकाश को लगा कि वह क्रिकेट से ज्यादा दिन दूर नहीं रह सकते हैं। इसके बाद वह दुर्गापुर चले गए, वहां से फिर कोलकाता पहुंचे और एक छोटे से कमरे में भाई के साथ रहने लगे।

दोस्त और चाचा ने की मदद

आकाश अपने दोस्त का शुक्रिया हमेशा करते हैं। उन्होंने बताया कि दोस्त ने ही उन्हें बुरे समय में काफी मदद की। दुर्गापुर में उन्हें क्लब क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। टेनिस गेंद की क्रिकेट से उनकी कमाई हो जाती है। दुर्गापुर में चाचा ने भी काफी मदद की। उन्होंने आकाश को मुश्किलों से बाहर निकाला और क्रिकेट पर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया। आकाश ने 2019 में बंगाल के लिए पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला। उसी साल लिस्ट ए और टी20 फॉर्मेट में भी डेब्यू का मौका मिला।

आकाश का ऐसा रहा करियर

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एंट्री से पहले आकाश ने बंगाल के लिए 32 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 116 विकेट लिए। लिस्ट ए के 28 मैचों में उनके नाम 42 विकेट हैं। वहीं, 42 टी20 में उन्होंने 49 विकेट झटके हैं। आकाश आईपीएल में विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के लिए खेलते हैं। उन्होंने टीम के लिए 8 मैचों में 7 विकेट लिए हैं। आकाश ने चेपॉक में बल्ले से भी दम दिखाया था। उन्होंने 17 रन बनाए थे और अश्विन के साथ 8वें विकेट के लिए 24 रन की छोटी मगर उपयोगी साझेदारी निभाई।

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