Dhanteras 2024: धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदना क्यों है शुभ? जानिए इसके पीछे छिपी पौराणिक कथा
धनतेरस से पंचदिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ होता है, जिसमें नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज भी शामिल होते हैं. साल 2024 में धनतेरस का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन किसी नए कार्य की शुरुआत करने से सफलता मिलती है और धन के नए स्रोत खुलते हैं.;
Dhanteras 2024: धनतेरस से पंचदिवसीय दीपोत्सव का शुभारंभ होता है, जिसमें नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज भी शामिल होते हैं. साल 2024 में धनतेरस का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान धन्वंतरि और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन किसी नए कार्य की शुरुआत करने से सफलता मिलती है और धन के नए स्रोत खुलते हैं. इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, वाहन और प्रॉपर्टी खरीदना शुभ माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन सोना और चांदी खरीदने की परंपरा क्यों है?
धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने की पौराणिक कथा
धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मदिवस के रूप में भी प्रसिद्ध है, जो समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे. इसीलिए धनतेरस के दिन बर्तन और धातु खरीदने की परंपरा चली आ रही है.
पौराणिक कथा के अनुसार, जब समुद्र मंथन हुआ था, तब भगवान धन्वंतरि अमृत का पात्र लेकर प्रकट हुए थे. तभी से धनतेरस के दिन बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन चांदी खरीदने की परंपरा भी प्रचलित है, क्योंकि चांदी को शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. अगर चांदी न खरीदी जा सके, तो सोना, पीतल या कांसे का बर्तन खरीदना भी फलदायी माना जाता है.
क्यों करें धनतेरस पर खरीदारी?
धनतेरस पर धातु या बर्तन खरीदने से समृद्धि और स्वास्थ्य की वृद्धि होती है. खासतौर पर सोना और चांदी को लक्ष्मी और कुबेर से जोड़ा जाता है, इसलिए इन्हें खरीदने से आर्थिक समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. इस दिन की गई खरीदारी आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा और संपन्नता लाती है.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.