आषाढ़ माह में कब है रथयात्रा, गुरु पूर्णिमा और देवशयनी एकादशी? यहां जानें सबकुछ
आषाढ़ का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष और पवित्र माना जाता है. यह साल का चौथा महीना होता है और आमतौर पर जून के मध्य से जुलाई के मध्य तक आता है. इस महीने को आध्यात्मिक साधना, व्रत, उपवास और देवपूजन के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है.;
हिंदू कैलेंडर का चौथा महीना आषाढ़ 12 जून से शुरू हो चुका है. यह महीना हिंदू धर्म में बहुत ही खास होता है. पंचांग के अनुसार यह 10 जुलाई तक चलेगा. आषाढ़ का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष और पवित्र माना जाता है. यह वर्ष का चौथा महीना होता है और आमतौर पर जून के मध्य से जुलाई के मध्य तक आता है. संधिकाल का महीना होता है जिसमें ग्रीष्म ऋतु जाती है और वर्षा ऋतु की शुरूआत होती है. इस माह में जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार माह के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं.
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी जो 6 जुलाई को पड़ेगी जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं. इस दिन के बाद से सृष्टि के संचालन भगवान शिव करते हैं. इस आषाढ़ माह में विशेष रूप से भगवान विष्णु और शिवजी की आराधना होती है. इस माह में पुरी में भगवान श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाती है.
आषाढ़ माह में पूजा का महत्व
आषाढ़ माह में विशेष रूप से गुरु की पूजा करना बहुत ही फलदायी माना जाता है. इसके अलावा इस माह में भगवान शिव, देवी उपासना, भगवान विष्णु की आराधना करना अच्छा माना जाता है. आषाढ़ माह में संतान और धन की प्राप्ति के लिए जलदेव ,मंगलदेव और सूर्य की उपासना करना शुभ होता है.
आषाढ़ माह के व्रत-त्योहार
- 12 जून 2025- आषाढ़ मास प्रारंभ, प्रतिपदा तिथि
- 14 जून 2025- संकष्टी चतुर्थी
- 15 जून 2025- मिथुन संक्रांति
- 21 जून 2025- योगिनी एकादशी
- 23 जून 2025- मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण)
- 24 जून 2025- रोहिणी व्रत
- 25 जून 2025- आषाढ़ अमावस्या
- 26 जून 2025- आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, कलश स्थापना, चंद्र दर्शन
- 27 जून 2025- जगन्नाथ रथ यात्रा
- 6 जुलाई 2025- देवशयनी एकादशी, आषाढ़ी एकादशी
- 8 जुलाई 2025- प्रदोष व्रत (शुक्ल)
- 10 जुलाई 2025- गुरु-पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा व्रत
आषाढ़ माह में क्या करें
- आषाढ़ माह में गंगा स्नान, मंत्र जाप और दान करना बहुत ही शुभ और पुण्य माना जाता है.
- आषाढ़ माह में सूर्योदय होने से पहले जागना चाहिए और स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए.
- आषाढ़ माह में गौशाला की देखभाल करना चाहिए और उन्हें हरा चारा खिलाना चाहिए.
आषाढ़ माह में क्या ना करें
- आषाढ़ माह में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि इस माह भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और चातुर्मास शुरू हो जाता है.
- आषाढ़ माह में नए भवन का निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए और न ही नए घर में गृह प्रवेश करना चाहिए.
- आषाढ़ माह में की किसी व्यापार की शुरुआत करना वर्जित माना जाता है.
- आषाढ़ माह में मांस-मदिरा और तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए.
इस मंत्र का करें जाप
आषाढ़ माह को भगवान विष्णु, भगवान शिव और देव गुरु बृहस्पति की उपासना और इनसे जुड़े मंत्रों का जाप करना शुभफलदायी माना जाता है.
भगवान विष्णु के मंत्र
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ विष्णवे नमः
श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
भगवान शिव मंत्र
ॐ नमः शिवाय
ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्.
उर्वारुकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
गायत्री मंत्र
ॐ भूर् भुवः स्वः.
तत्सवितुर्वरेण्यं.
भर्गो देवस्य धीमहि.
धियो यो नः प्रचोदयात्॥