राहु के गोचर से ये 5 राशि वाले लोग रहें सतर्क, शुरू हो सकता है कठिन समय
राहु की महादशा 18 वर्षों की होती है, जो व्यक्ति के जीवन में बड़े बदलाव, भ्रम या अजीब घटनाएं ला सकती है. किसी कुंडली में राहु की स्थिति के अनुसार यह बहुत शुभ भी हो सकता है या अत्यधिक परेशानियां भी दे सकता है.;
18 मई 2025 को छाया ग्रह राहु गुरु के स्वामित्व वाली राशि मीन से निकलकर शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करेगा. राहु का कुंभ राशि में यह राशि परिवर्तन 18 मई को शाम 5 बजकर 8 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु किसी एक राशि में लगभग 18 महीनों तक रहता है.
इस तरह से राहु 18 साल बाद दोबारा से शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं. राहु हमेशा वक्री यानी उल्टी चाल से चलते हैं. राहु के शनि की राशि कुंभ में प्रवेश करने से कुछ राशि वालों के लिए मुश्किलें आ सकती हैं. आइए जानते हैं 18 मई के बाद किन राशि वालों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा.
वृषभ राशि
18 मई को जब राहु का गोचर कुंभ राशि में होगा तब वृषभ राशि वालों के लिए राहु दशम भाव में होगा. कुंडली का दशम भाव करियर और कर्म से होता है. ऐसे में करियर वृषभ राशि वालों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान मानसिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. रिश्तों में दूरियां आ सकती है और सेहत को लेकर लगातार चिंता बनी रहेगी.
कर्क राशि
राहु का गोचर कर्क राशि के जातकों के लिए उनके अष्टम भाव में होगा. कुंडली का अष्टम भाव रोग, पीड़ा, रहस्य और अचानक होने वाली घटनाओं से संबंधित होता है. ऐसे में राहु के शुभभ प्रभाव से इस राशि के जातकों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान वैवाहिक जीवन में कुछ तनाव और ससुराल पक्ष से मतभेद हो सकते हैं.
सिंह राशि
राहु का कुंभ राशि में गोचर करने से सिंह राशि वालों के लिए उनके सप्तम भाव में होगा. सप्तम भाव विवाह और साझेदारी का होता है. ऐसे में वैवाहिक जीवन में परेशानियां आनी शुरू हो सकती हैं. अगर आप किसी के साथ बिजनेस में पार्टनशिप में हैं तो थोड़ा संभलकर चलना होगा.
वृश्चिक राशि
राहु का गोचर वृश्चिक राशि के चौथे भाव में होगा. ऐसे में घर-परिवार और माता से लेकर प्रेम और आपसी समझदारी में कमी का सामना करना पड़ सकता है. कार्य को लेकर आपको घर-परिवार से दूर जाना पड़ सकता है. सेहत में गिरावट आ सकती है.
मीन राशि
मीन राशि के जातकों के लिए राहु का ग्यारहवें भाव होग. कुंडली का 11वा भाव लाभ का होता है. ऐसे में इस दौरान सेहत संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. खर्चो में बढ़ोतरी हो सकती है. दोस्तों, सगे-संबंधियों और प्रियजनों के बीच तनाव पैदा हो सकता है.