साल 2038 तक इन राशियों पर शनि रहेंगे भारी, साढे़साती के प्रभाव से मिलेंगे कष्ट
शनिदेव को क्रूर ग्रह माना जाता है इस कारण इनका नाम आते ही लोग डर के मारे कांपने लगते हैं. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या बहुत ही कष्टकारी साबित होती है. जिन लोगों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या रहती है उनको कई तरह के कष्ट और परेशानियां का सामना करना पड़ता है. शनि के अशुभ प्रभाव के चलते कई बार बनते हुए काम भी बिगड़ने लगते हैं.;
वैदिक ज्योतिष में शनि को एक बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. शनिदेव को क्रूर, देर से फल देने वाला और व्यक्ति के कर्मो के आधार पर फल देने वाला ग्रह माना जाता है. शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं. यह किसी एक राशि में लंबे अंतराल के बाद ही राशि परिवर्तन करते हैं. शनि किसी राशि में करीबी ढाई वर्षों तक रहते हैं. इस तरह से पूरी राशि चक्र को पूरा करने के लिए शनिदेव को 30 वर्षों का समय लगता है.
आपको बता दें जिस राशि पर शनि की साढ़ेताती रहती है उससे अगली और बारहवें स्थान पर रहने वाली राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव पड़ता है. इस तरह से इन तीन राशियों पर करीब साढ़े सात साल तक का समय लगता है. इसे ही साढ़ेसाती कहते हैं. आपको बता दें कि शनि अभी हाल में राशि परिवर्तन किया था. 29 मार्च 2025 को शनि कुंभ राशि की अपनी यात्रा को विराम देते हुए गुरु की राशि मीन में प्रवेश कर लिया है. आइए जानते हैं साल 2038 तक किन-किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रकोप रहेगा.
ज्योतिष में शनि ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है. शनि आयु, रोग, तकनीक, कर्मचारी और तेल आदि के कारक ग्रह होते हैं. शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह होते हैं. यह तुला राशि में उच्च के और मेष राशि में नीच के होते हैं. सभी ग्रहों में शनि सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह होते हैं. शनि व्यक्ति को उनके कर्मों के आधार पर ही फल देते हैं. जब किसी जातक की कुंडली में शनि अशुभ होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में तरह-तरह की परेशानियां आती हैं, वहीं अगर किसी जातक की कुंडली में शनि अच्छे है तो यह जातक को रंक से राजा बनाने की ताकत रहते हैं.
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या 2025
शनि सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं. इस कारण से यह किसी एक राशि में करीब ढाई वर्षों तक रहते हैं. साल 2025 में शनि ने अपनी चाल बदली हैं. 29 मार्च 2025 को शनि अपनी स्वराशि कुंभ से निकलकर अब मीन राशि में मौजूद हैं. शनि यहां पर साल 2027 तक रहेंगे. शनि के मीन राशि में गोचर करने की वजह से मेष राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है. वहीं मीन राशि पर दूसरा और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण है. शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है.
साल 2038 तक किन-किन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती
- कुंभ राशि पर साढ़ेसाती- 03 जून 2027 तक
- मेष राशि पर साढे़साती- साल 2032 तक
- वृषभ राशि पर साढ़ेसाती- साल 2027 में शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण
- मिथुन राशि पर साढ़ेसाती- 08 अगस्त 2029 से शुरुआत और अगस्त 2036 पर खत्म
- कर्क राशि पर साढ़ेसाती- मई 2032 से शुरू और अक्तूबर 2038 पर खत्म
- इस तरह से साल 2025 से लेकर 2028 तक कुंभ, मीन, मेष, वृषभ और कर्क राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा.