Weekly Vrat Tyohar: इस हफ्ते होंगे कई बड़े व्रत और त्योहार, जानें महत्वपूर्ण तारीखें और पूजा विधि

अक्टूबर का यह सप्ताह व्रत और त्योहारों से भरा हुआ है. शारदीय नवरात्र का समापन इस सप्ताह होगा साथ ही भगवान विष्णु का प्रिय पापांकुशा एकादशी व्रत भी मनाया जाएगा.;

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By :  स्टेट मिरर डेस्क
Updated On : 11 Dec 2025 2:50 PM IST

Weekly Vrat Tyohar: अक्टूबर का यह सप्ताह व्रत और त्योहारों से भरा हुआ है. शारदीय नवरात्र का समापन इस सप्ताह होगा साथ ही भगवान विष्णु का प्रिय पापांकुशा एकादशी व्रत भी मनाया जाएगा. मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा के साथ यह सप्ताह बहुत शुभ माना जा रहा है. आइए जानते हैं इस सप्ताह के प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में.

स्कंदमाता पूजा (7 अक्टूबर, सोमवार)

सप्ताह की शुरुआत मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप 'स्कंदमाता' की पूजा से होगी. इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने से धन, बल और संतान सुख की प्राप्ति होती है. स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं और इस दिन पीले फल, फूल अर्पित करने का विशेष महत्व है.

कात्यायनी पूजा (8 अक्टूबर, मंगलवार)

नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. महर्षि कात्यायन की तपस्या के फलस्वरूप मां कात्यायनी का जन्म हुआ था. इनकी पूजा से हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है और भक्तों को विजयश्री प्राप्त होती है.

कालरात्रि पूजा (9 अक्टूबर, बुधवार)

मां कालरात्रि नवरात्रि के सातवें दिन पूजी जाती हैं. भले ही उनका स्वरूप भयानक हो लेकिन माता कालरात्रि अत्यंत दयालु हैं. उनकी पूजा से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं और हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियां समाप्त हो जाती हैं.

महाअष्टमी व्रत और महानिशा पूजा (10 अक्टूबर, गुरुवार)

नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा होती है. महागौरी को भगवान शिव की अर्धांगिनी के रूप में पूजा जाता है. इस दिन महानिशा पूजा और कन्या पूजन का विशेष महत्व है. जो भक्त अष्टमी का व्रत रखते हैं, उन्हें पूरे नवरात्रि के व्रत का फल प्राप्त होता है.

महानवमी व्रत (11 अक्टूबर, शुक्रवार)

नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन महानवमी का व्रत रखा जाता है और माना जाता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है. देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से समस्त ब्रह्मांड को ऊर्जा प्राप्त होती है.

विजयदशमी (12 अक्टूबर, शनिवार)

विजयदशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. इस दिन भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी और मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था. विजयदशमी के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन और हनुमानजी को बीड़ा अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

पापांकुशा एकादशी (13 अक्टूबर, रविवार)

सप्ताह का समापन पापांकुशा एकादशी के व्रत के साथ होगा. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति बैकुंठ धाम की प्राप्ति करता है. इस दिन पंचक भी दोपहर 12:21 बजे से शुरू होगा. इस सप्ताह व्रत और त्योहारों की भरमार है, जो भक्तों के लिए असीम शुभता और समृद्धि लेकर आएंगे.


डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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