अमरनाथ गुफा से सामने आई पहली झलक, बाबा बर्फानी के दर्शन को आतुर श्रद्धालु, जानें कब से शुरू होगी यात्रा

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) के अनुसार, यात्रा दो पारंपरिक मार्गों से होती है. पहली बालटाल रूट (14 किमी) से थोड़ा कठिन लेकिन तेज़ दूसरी चंदनवारी रूट (36-48 किमी): सुंदर, पर लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा साबित हो सकती है.;

Edited By :  रूपाली राय
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देशभर के करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए एक बार फिर आध्यात्मिक आस्था की सबसे महत्वपूर्ण यात्रा, अमरनाथ यात्रा 2025, की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. जम्मू-कश्मीर के पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में स्थित पौराणिक बर्फ के शिवलिंग के दर्शन के लिए भक्तजन बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.

यात्रा की आधिकारिक शुरुआत से दो महीने पहले ही बाबा बर्फानी की पहली लाइव तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, जिसने श्रद्धालुओं के बीच उत्साह की लहर दौड़ा दी है. ये दुर्लभ तस्वीरें पंजाब से आए कुछ भाग्यशाली श्रद्धालुओं ने शेयर की हैं, जिन्हें विशेष परिस्थितियों में गुफा के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इस साल की पहली झलक में शिवलिंग 8 फ़ीट की बताई जा रही है.

बाबा बर्फानी की पहली झलक

जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें अमरनाथ गुफा के भीतर शिवलिंग का प्राकृतिक रूप से बनी हुई बर्फ की आकृति पूरी भव्यता में नजर आ रही है. श्रद्धालु इस दिव्य रूप के दर्शन को साल भर यादगार मानते हैं और मान्यता है कि यहां भगवान शिव स्वयं विराजमान होते हैं.

यात्रा की तारीखें और मार्ग

श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (SASB) के अनुसार, इस साल की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 19 अगस्त 2025 को रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर समाप्त होगी. यात्रा दो पारंपरिक मार्गों से होती है. पहली बालटाल रूट (14 किमी) से थोड़ा कठिन लेकिन तेज़ दूसरी चंदनवारी रूट (36-48 किमी): सुंदर, पर लंबी और चुनौतीपूर्ण यात्रा साबित हो सकती है. दोनों मार्गों को तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए बर्फ हटाने का कार्य तेज़ी से जारी है. हाल की भारी बर्फबारी ने तैयारियों को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बर्फ की मोटाई 10 से 20 फीट तक पहुंच गई है.

सुरक्षा और व्यवस्थाएं

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल ही में श्रीनगर के पंथा चौक स्थित अमरनाथ यात्रा ट्रांजिट कैंप का दौरा कर तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को तीर्थयात्रियों की सुविधा, सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. हाल ही में पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं आई है. सुरक्षा एजेंसियों ने यात्रा मार्गों पर कड़ी चौकसी और ज्यादा से ज्यादा निगरानी उपकरणों की व्यवस्था की है.

भारी संख्या में पंजीकरण

इस वर्ष अब तक 3.6 लाख से अधिक श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन जरिए से पंजीकरण करवा चुके हैं. जैसे-जैसे यात्रा की तारीख नज़दीक आ रही है, यह संख्या लगातार बढ़ रही है. यह इस बात का प्रमाण है कि आस्था किसी भी डर या मुश्किल से बड़ी होती है.

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