मंदिर में छोटे कपड़े पहनना सही या गलत; पुजारी के इस सवाल पर क्या बोले प्रेमानंद महाराज?
प्रेमानंद महाराज लोगों की दुखों और परेशानियों का हल बताते हैं. हजारों की संख्या में भक्त महाराज की एक झलक पाने के लिए कई घंटों तक इंतजार करते हैं. काफी समय से मंदिर में महिलाओं के छोटे कपड़े पहनने पर कई सवाल उठ चुके हैं. अब इस पर महाराज ने जवाब दिया है.;
प्रेमानंद महाराज के सामने सभी लोग अपनी समस्याएं लेकर जाते हैं, जिनका महाराज बड़ी सूझबूझ से जवाब देते हैं. इसी तरह जय भीमा शंकर संस्थान के पुजारी भी अपनी परेशानी लेकर वृंदावन पहुंचें. उन्होंने कहा कि मंदिर में कुछ महिलाएं छोटे-छोटे कपड़े पहनकर आती हैं. इस पर जब हम उन्हें रोकते हैं, तो वह हमें कहने लगती हैं कि हमारी मर्जी हम कुछ भी पहनें. आपको क्या अधिकार है?
इस सवाल के जवाब में प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि हमेशा से ही मन और इंद्रियों की गुलामी को आजादी के तौर पर देखा जाता है. वहीं, शास्त्र और गुरुओं की बात को मानना अधीनता माना गया है. चलिए जानते हैं इसके आगे महाराज ने क्या कहा.
नजरिया पावन करने की जरूरत
ऐसे में अगर उन भक्तों को संतों की बातों में विश्वास नहीं है, तो मनमाना आचरण रखना प्राकृतिक है.इसलिए खुद को बचाना होगा. इसके आगे प्रेमानंद महाराज पुजारी को समझाते हैं कि अगर आपकी बहन छोटे कपड़े पहनेगी, तो क्या आप उसे देख कामुक हो जाएंगे? नहीं ना. इसलिए आपको अपने देखने के नजरिए को पावन करना होगा. इसलिए आपको खुद को बदलना पड़ेगा. बाकि समाज को सही करने का काम भगवान का है. इसके लिए वह कुछ संतों को शक्ति देते हैं.
अडल्ट्री पर बोले प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मुझे लगता है कि आपको अपनी दष्टि को सही करना जरूरी है. इसके आगे उन्होंने आजकल छोटे-छोटे बच्चे ब्वॉयफ्रेंड- गर्लफ्रेंड बन जाते हैं. इतना ही नहीं, एक से ज्यादा के साथ रिश्ता बना रहे हैं. इसे ही व्यभिचार कहा जाता है. ऐसे बुद्धिहीन लोग अपने जीवन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं.
मंदिर में लग चुके हैं बोर्ड
इसके बाद वृंदावन के श्री राधादामोदर मंदिर के बाहर बोर्ड लगवाया गया. वहीं, पागल बाबा मंदिर ने भी महिलाओं से सही तरह के कपड़े पहनने की अपील की. इसके अलावा ब्रज के अन्य मंदिरों में भी ऐसी अपील की जा चुकी है.