Nag Panchami 2025: शुभ योग में नाग पंचमी मंगलवार को, जानिए तिथि, पूजा शुभ मुहूर्त और महत्व
नाग पंचमी 2025 इस बार 29 जुलाई को सौभाग्य और शिव योग में मनाई जाएगी. यह पर्व श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को आता है और नाग देवता व भगवान शिव की विशेष पूजा का दिन होता है. इस दिन रुद्राभिषेक, नागों को दूध अर्पण, और विधिपूर्वक पूजा करने से कालसर्प दोष व अन्य ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:42 से 8:31 तक रहेगा. इस दिन आठ प्रमुख नागों की पूजा का विशेष महत्व है.;
नाग पंचमी का त्योहार हर साल श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार पर नाग देवता और भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. इस दिन मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने और शिवलिंग पर दूध से अभिषेक करने पर हर तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है.
नाग देवता भगवान शिव के गले की शोभा और ये गण हैं. ऐसे में नाग देवता की पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं. 29 जुलाई को नाग पंचमी है और इस दिन कई तरह के शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. आइए जानते हैं नाग पंचमी की तिथि, पूजा शुभ मुहुर्त और महत्व के बारे में विस्तार से...
नाग पंचमी तिथि 2025
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि इस वर्ष 28 जुलाई को रात 11 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 30 जुलाई को रात 12 बजकर 45 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार नाग पंचमी का त्योहार 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा.
नाग पंचमी 2025 शुभ योग
इस वर्ष नाग पंचमी पर दो शुभ योगों का निर्माण हो रहा है. जिसमें सौभाग्य और शिव योग का संयोग बन रहा है. नाग पंचमी पर ये दोनों योगों का विशेष महत्व होता है. नाग पंचमी पर इन दोनों योगों में पूजा करना बहुत ही फलदायी साबित होता है. इन दोनों योगों में पूजा दोगुने फल की प्राप्ति होती है.
नाग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त 2025
29 जुलाई को सुबह 05 बजकर 42 मिनट से 08 बजकर 31 मिनट तक नाग पंचमी के लिए पूजा का मुहूर्त रहेगा.
नाग पंचमी पूजा महत्व
शास्त्रों में पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता होते हैं. ऐसे में श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग देवता और भोलेनाथ की पूजा होती है. नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना बहुत ही शुभ माना जाता है. नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर कालसर्प दोषों से मुक्ति मिलती है और दूसरे तरह के ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है. नागपंचमी के दिन 8 नागों की पूजा होती है. इनमें अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीक, कर्कट और शंख हैं. इस दिन नाग व सांपों की पूजा करते हुए, उन्हें दूध पिलाया जाता है.
नाग पंचमी पूजा विधि 2025
- नाग पंचमी के दिन सबसे पहले सूर्यास्त से पहले उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहने.
- इसके बाद अपने इष्टदेव का ध्यान करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें.
- फिर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें और शुभ मुहूर्त में साफ चौकी पर नाग देवता का चित्र या मिट्टी से बने हुए सर्प की मूर्ति विराजमान करें.
- फिर नाग देवता को चावल, रोली और हल्दी अर्पित करें. दीपक जलाकर विधि पूर्वक आरती करें और मंत्रों का जप करें.
- अंत में नाग पंचमी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें.