जानिए महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से क्या-क्या होते हैं फायदे और सही विधि ?

महामृत्युंजय मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र वैदिक मंत्र है, जिसे रुद्र मंत्र और त्र्यंबकम मंत्र भी कहा जाता है. यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे मृत्यु को जीतने वाला मंत्र माना जाता है. यह यजुर्वेद से लिया गया है और शिवपुराण व अन्य ग्रंथों में भी इसका महत्व बताया गया है;

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By :  State Mirror Astro
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भगवान शिव को हिंदू धर्म में सबसे ज्यादा पूजा जाता है. ऐसी मान्यता है कि अगर शिव जी की आराधना सच्चे मन और भक्ति भाव से की जाए तो सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है. शिव जी की आराधना में मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि और अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है.

शिव आराधना के लिए और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही असरदार और फलदायी माना जाता है. महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख हमारे ऋग्वेद और यजुर्वेद दोनों में मिलता है. शिवपुराण में भी इस मंत्र के ऊर्जा और महिमा के बारे में विस्तार से बताया गया है. ऐसी मान्यता हैं यह मंत्र भवगान शिव को बहुत ही प्रिय है. इस मंत्र के जाप से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और इसके नियमित जाप करने से जीवन में सुख-शांति, सेहत और संपन्नता आती है. शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना बहुत ही लाभकारी बताया गया है. आइए जानते हैं कैसे करें महामृत्यंजय मंत्र का जाप और क्या-क्या होते हैं इसके लाभ.

महामृत्युंजय मंत्र की जाप विधि

महामृत्युंजय मंत्र को शास्त्रों में बहुत ही शक्तिशाली और असरदार मंत्र माना गया है. इसके जाप करने से बड़ी से बड़ी विपदा भी आसानी के दूर हो जाती है. महामृत्युंजय मंत्र के जाप को करने के लिए रुद्राक्ष की माला को सबसे अच्छा और पवित्र माना गया है. इस मंत्र में बहुत ही शक्ति होती है इसलिए इसे शुद्ध और सही उच्चारण के साथ करना चाहिए. अगर आप अपने यह इस मंत्र का जाप करवाना चाहते हैं तो किसी योग्य ब्राह्राण या फिर ज्योतिषाचार्य से विधिवत जाप कराएं. महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से का सवा लाख बार करना चाहिए. इन मंत्र का जाप सुबह से लेकर दोपहर तक करना विशेष फलदायी होता है. इसके मंत्रों के उच्चारण में शुद्धता का विशेष ध्यान देना चाहिए. आइए अब जानते हैं महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से होने वाले लाभ के बारे में.

अकाल मृत्यु के भय समाप्त करने के लिए

शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. इस मंत्र के जाप करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को लंबी आयु और सेहतमंद जीवन जीने का वरदान देते हैं. इस मंत्र के जाप करने से व्यक्ति के अंदर से असमय मृत्यु का डर नहीं सताता है. जिन लोगों को बार-बार दुर्घटनाओं का डर सताता हैं उनको इस मंत्र का नियमित रूप से विधि-विधान के साथ जाप करना चाहिए.

बीमारियों से मिलती है मुक्ति

जो लोग अक्सर बीमार रहते हैं और किसी गंभीर बीमारी के दायरे में रहते हैं उनको महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य की करना चाहिए. ऐसा करने से गंभीर बीमारियां दूर होती है और व्यक्ति सेहतमंद रहता है.

आर्थिक संपन्नता के लिए

भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता है और जब यह प्रसन्न होते हैं तो उनकी कृपा से जीवन में हर तरह का सुख मिलता है. धार्मिक मान्याताओं के अनुसार जो लोग निमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है उसे कभी भी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है. इससे जीवन में स्थिरता सुख और समृद्धि बनी रहती है. इस मंत्र के प्रभाव से व्यक्ति व्यापार में दिन रात चौगुनी वृद्धि करता है और नौकरी में ऊंचे शिखर को प्राप्त करता है.

मान-सम्मान की प्राप्ति के लिए

धर्म शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता है उसको न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिलती बल्कि सुख और वैभव में भी बढ़ता है. इस मंत्र के जाप करने से व्यक्ति का मान-सम्मान बढ़ता है.

संतान प्राप्ति के लिए

जिस किसी को संतान प्राप्ति की इच्छा होती है और किसी कारण से उसे यह सुख नहीं मिल पाता है तो नियमित रूप से अगर इस शक्तिशाली मंत्र का जाप करें तो संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी होती है.

महामृत्युंजय मंत्र

ऊं त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

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